Ramadan 2025: रमज़ान आत्मचिंतन, अनुशासन और संयम का महीना है, जिसमें लोग अपने खानपान में बदलाव कर स्वास्थ्य, नैतिकता और आर्थिक कारणों को ध्यान में रखते हैं. लंबे उपवास घंटों के दौरान प्रोटीन का सेवन आवश्यक होता है, क्योंकि यह मांसपेशियों के रखरखाव, तृप्ति और ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है.
सहरी और इफ्तार में प्रोटीन से भरपूर भोजन शामिल करने से भूख को नियंत्रित करने, मांसपेशियों की हानि को रोकने और शरीर को पुनर्जीवित करने में सहायता मिलती है. आइए जानते हैं कि रमज़ान में प्रोटीन के सर्वोत्तम पौधे-आधारित और वैकल्पिक स्रोत कौन-कौन से हैं, जो आपको उपवास के दौरान पोषण और ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं.
फलियां: दाल, छोले और बीन्स
दाल, काले बीन्स, राजमा और छोले जैसे खाद्य पदार्थ रमज़ान के कई पारंपरिक व्यंजनों में इस्तेमाल किए जाते हैं. ये प्रोटीन, फाइबर और धीमी गति से पचने वाले कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं, जो आपको लंबे समय तक संतुष्ट रखते हैं. सहरी में दाल (सूप) या छोले का सलाद शामिल करने से आपको दिनभर ऊर्जा मिलेगी.
डेयरी और डेयरी विकल्प
ग्रीक दही, पनीर और छाछ में प्रोटीन और प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो पाचन स्वास्थ्य में सहायक होते हैं। अगर आप शाकाहारी या लैक्टोज-असहिष्णु हैं, तो फोर्टिफाइड बादाम दूध, सोया प्रोटीन (टोफू, टेम्पेह) या ओट्स दूध एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं। दही, नट्स और फलों से बनी स्मूदी एक पोषक और स्वादिष्ट सुहूर विकल्प है.
अंडे: संपूर्ण प्रोटीन का भंडार
अंडे प्रोटीन के सबसे बेहतरीन स्रोतों में से एक हैं, जो सभी आवश्यक अमीनो एसिड प्रदान करते हैं। ये कई तरीकों से खाए जा सकते हैं सहरी में उबले अंडे या इफ्तार में सब्जियों से भरपूर ऑमलेट एक संतोषजनक और पोषक विकल्प हो सकता है.
मेवे और बीज
बादाम, अखरोट, चिया सीड्स और अलसी के बीज न केवल प्रोटीन बल्कि स्वस्थ वसा और फाइबर के भी अच्छे स्रोत हैं। इन्हें स्मूदी, दही, सलाद में मिलाकर या इफ्तार के बाद हल्के नाश्ते के रूप में खाया जा सकता है, जिससे शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा मिलती है।
साबुत अनाज और बाजरा
क्विनोआ, ब्राउन राइस, ओट्स और होल व्हीट ब्रेड प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होते हैं। विशेष रूप से क्विनोआ एक संपूर्ण प्रोटीन स्रोत है, जिसमें सभी 9 आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं। इसे सलाद, सूप या साइड डिश के रूप में शामिल किया जा सकता है।
संतुलित आहार से सेहत और ऊर्जा बनाए रखें
रमज़ान के दौरान मांसाहार से परहेज़ करने का मतलब पोषण से समझौता करना नहीं है. यदि आप सही मात्रा में फलियां, डेयरी, अंडे, मेवे और साबुत अनाज अपने आहार में शामिल करते हैं, तो आप पूरे उपवास के दौरान ऊर्जावान और स्वस्थ रह सकते हैं. संतुलित और पोषणयुक्त भोजन न केवल आपकी शारीरिक शक्ति को बनाए रखेगा बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी आपको मजबूत बनाएगा.