हल्दी वाला दूध, जिसे गोल्डन मिल्क भी कहा जाता है, एक लोकप्रिय पारंपरिक पेय है, जो कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है. हालांकि, इसे सभी के लिए नहीं पीना चाहिए. आइए जानते हैं किन लोगों को हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहिए.
गर्भावस्था के दौरान हल्दी का अत्यधिक सेवन करने से गर्भपात या अन्य जटिलताओं का खतरा बढ़ सकता है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को हल्दी वाला दूध पीने से बचना चाहिए, या डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए.
यदि किसी व्यक्ति को गैस्ट्रिक अल्सर या अन्य पेट की समस्याएँ हैं, तो हल्दी वाला दूध पीने से उन्हें जलन या दर्द का अनुभव हो सकता है. हल्दी में मौजूद तीव्रता इन समस्याओं को बढ़ा सकती है.
जिन लोगों को रक्तस्राव संबंधी समस्याएँ हैं या जो एंटीकोआगुलेंट्स (रक्त-पातक दवाएँ) ले रहे हैं, उन्हें हल्दी का सेवन सीमित करना चाहिए. हल्दी रक्त को पतला कर सकती है, जिससे थक्का जमने में समस्या आ सकती है.
हालांकि हल्दी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, कुछ लोग जिन्हें गठिया है, उन्हें हल्दी के अत्यधिक सेवन से समस्या बढ़ सकती है. ऐसे में उन्हें अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए.
कुछ लोगों को हल्दी से एलर्जी हो सकती है. यदि आपको हल्दी से कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया होती है, तो आपको हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहिए.
जिन लोगों को पित्त की समस्या या उच्च पित्त (बाइल) की स्थिति है, उन्हें हल्दी का सेवन सीमित करना चाहिए, क्योंकि यह स्थिति को बढ़ा सकता है.
छोटे बच्चों का पाचन तंत्र अभी पूरी तरह विकसित नहीं होता है, इसलिए उन्हें हल्दी वाला दूध देने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर होता है.
हल्दी वाला दूध एक स्वास्थ्यवर्धक पेय है, लेकिन इसे हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं माना जा सकता. यदि आप इनमें से किसी भी श्रेणी में आते हैं, तो हल्दी वाला दूध पीने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य लें. हमेशा ध्यान रखें कि स्वस्थ आहार और जीवनशैली को बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण है.