What Is Lipoma: जब तक हमारे शरीर पर आने वाले दाने या चोट में दर्द न हो तब तक हम उसपर ध्यान नहीं देते हैं. लेकिन कई बार ध्यान न देने के कारण यह बीमारी में बदल सकती है. कई बार हमारे शरीर के हिस्सों में गांठ बन जाती है जिसमें बिल्कुल दर्द नहीं होता है. दर्द न होने के कारण हम इसे इग्नोर करने लगते हैं. बता दें, इस तरह की गांठ को लिपोमा (Lipoma) कहा जाता है.
इस तरह की गांठ को दबाने के बाद भी बिल्कुल दर्द नहीं होता है. यह गांठ रबर की तरह महसूस होती है. आमतौर पर यह गांठ हाथ या पैर पर बनती है. लेकिन फिर भी कभी आपको इस तरह की गांठ में परेशानी हो रही हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
लिपोमा एक प्रकार की चर्बी की गांठ होती है जो शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है. इस गांठ में बिल्कुल दर्द नहीं होता है. लिपोमा कोई खतरनाक बीमारी नहीं है और यह कैंसर भी नहीं होता है. लेकिन कई बार खतरा बढ़ने की वजह से यह कैंसर का रूप ले लेती है. लिपोमा एक सॉफ्ट टिश्यू ट्यूमर हैं. शुगर के बढ़ने से, हाइपरटेंशन, हाई कोलेस्ट्रॉल और जेनेटिक ट्रान्सफर के कारण इस बीमारी का सामना करना पड़ सकता है. एक्सपर्ट के अनुसार, 1000 लोगों में से केवल 1 एक को लिपोमा होता है. इस बीमारी के केसेस ज्यादातर 40 से लेकर 60 उम्र के लोगों के बीच में देखे जाते हैं.
शरीर के किसी भी हिस्से में गोल आकार में गांठ हो और उसका साइज लगभग 2 इंच से छोटा हो तो आपको लिपोमा हो सकता है. कई बार यह गांठ 6 इंच तक बढ़ी हो जाती है. इस गांठ में बिल्कुल दर्द नहीं होता है. अक्सर यह गांठ गर्दन, कमर, हाथ पर उभरती है.
लिपोमा का इलाज 3 तरीके से किया जा सकता है. इसका इलाज स्टेरॉयड इंजेक्शन, सर्जरी, और लिपोसेक्शन के जरिए किया जा सकता है. थोड़े समय के बाद इस गांठ का आकार बढ़ने की वजह से काफी दर्द होने लगता है. ऐसे में इलाज करवाना बेहद जरूरी हो जाता है. कुछ मामलों में ही इलाज के बाद लिपोमा का दोबारा खतरा हो सकता है.
लिपोमा कैंसर नहीं होता है. लिपोमा एक सॉफ्ट टिश्यू का कलेक्शन या ट्यूमर होता है. हालांकि, अन्य प्रकार की त्वचा की गांठें जैसे की लिपोसारकोमा से कैंसर का शिकार हो सकते हैं.