Premature Hair Loss: बालों का झड़ना, गंजापन और बालों का पतला होना आजकर एक आम समस्या बन गई है. लोग कम उम्र में ही इन समस्याओं से जूझ रहे हैं. बाल झड़ने की वजह से कुछ लोग इतने परेशान है की वे अपने बालों को वापस पाने और उन्हें झड़ने से रोकने के लिए बहुत कोशिश करते हैं. वे बाजार में उपलब्ध महंगे तेल, क्रीम और दवाइयों का इस्तेमाल करने लगते हैं. कई लोग तो अलग-अलग उपाय भी अपनाने लगते हैं. हर दिन बाजारों में कोई न कोई नया तेल या ट्रीटमेंट लॉन्च होता रहता है. दावा किया जाता है कि तेल से बाल झड़ने की समस्या दूर हो जाएगी. लेकिन सवाल ये है की क्या तेल, क्रीम या तरह-तरह की दवाइयों से बाल झड़ने की समस्या दूर हो सकती है? इस सवाल का जवाब जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि बाल क्यों झड़ते हैं?
डॉक्टर का कहना हैं कि बाल झड़ने या गंजेपन के कई कारण होते हैं. इनमें जेनेटिक्स एक बड़ी वजह है. एंड्रोजेनिक एलोपेसिया की वजह से भी बाल झड़ते हैं. अगर किसी परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी बाल झड़ रहे हैं तो इसका संबंध जीन से होता है. अगर किसी व्यक्ति के पिता के बाल झड़ रहे हैं तो संभावना है कि बढ़ती उम्र के साथ बच्चे के बाल भी झड़ने लगेंगे. ऐसे में बाल झड़ने या गंजेपन की समस्या पर काबू पाना मुश्किल होता है.
कई बार पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन की वजह से भी बाल झड़ने लगते हैं. इसके साथ ही आजकल लोगों में मानसिक तनाव और चिंता बढ़ती जा रही है. यह भी बाल झड़ने का एक बड़ा कारण बनता जा रहा है. यह समस्या युवाओं में ज्यादा देखी जा रही है. इस स्थिति को एलोजेनिक एफ्लुवियम कहते हैं.
जिन लोगों का खान-पान खराब है और उनके खान-पान में आयरन, बायोटिन, विटामिन डी की कमी है, उन्हें भी बाल झड़ने की समस्या हो सकती है. कई मामलों में यह भी देखा गया है कि शरीर में पोषण की कमी के कारण भी बाल झड़ रहे हैं.
इसके अलावा एलोपेसिया एरीटा एक मेडिकल कंडीशन है. इससे भी बाल झड़ते हैं. यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है. इस बीमारी के कारण भी बाल तेजी से झड़ सकते हैं. अगर कम समय में ज्यादा बाल झड़ रहे हैं, तो यह एलोपेसिया का लक्षण हो सकता है.
डॉक्टर्स का कहना है कि बाल झड़ने का कारण पता होना चाहिए. इसके लिए पहले डॉक्टर की सलाह लें. अगर एलोपेसिया की वजह से बाल झड़ रहे हैं, तो इसका सही समय पर इलाज करवाना चाहिए. ऐसे में बालों के झड़ने की समस्या को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है. अगर समस्या खान-पान या तनाव की वजह से है, तो इस पर ध्यान दें. अपने खाने में पौष्टिक आहार शामिल करें जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज शामिल हों.