What Is IVF: मां बनना हर महिला के लिए खूबसूरत एहसास होता है. 9 महीने तक बच्चों का पोषण करना और उसे जन्म देना हर मां के लिए खास होता है. कुछ महिलाएं बीमारी औप शारीरिक समेत कुछ समस्याओं की वजह से प्रेग्नेंट नहीं हो पाती हैं. जो महिलाएं नॉर्मल प्रोसेस से मां नहीं बन पाती हैं वे IVF का सहारा लेती है. दुनियाभर में लाखों कपल IVF की मदद से संतान का सुख प्राप्त कर चुके हैं. इसमें भारत में कई सेलेब्स, एक्ट्रेस और बिजनेस वीमेन भी इस तकनीक की सहायता ले चुके हैं.
ईशा अंबानी-आनंद पीरामल, शाहरुख खान-गौरी खान, आमिर खान-किरण राव, फराह खान-शिरीष कुंदर जैसे कई बड़े सेलेब्स के नाम शामिल हैं जिन्होंने IVF का सहारा लेकर बच्चा पैदा किया है. दिवंगत सिंगर सिद्धू मूसेवाला की मां चरण कौर ने भी आईवीएफ की मदद से बच्चे को जन्म दिया था. आइए जानते हैं इस खास तकनीक IVF के बारे में.
IVF एक ऐसी मेडिकल तकनीक है जिसकी मदद से बांझ कपल को बच्चे हो सकते हैं. इस तकनीक में महिला के अंडें औक पुरूष के शुक्राणुओं को शरीर से बाहर निकाला जाता है. इसके इन्हें लैब में मिलाकर फिटस तैयार किया जाता है. जिसके बाद इस फीटस को महिला के यूट्रस में इम्प्लांट कर दिया जाता है. एक्सपर्ट के अनुसार, IVF की सक्सेस रेट काफी अच्छी है और बांझ कपल इसकी सहायता लेकर माता-पिता बन सकते हैं.
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन जिसे IVF के नाम से जाना जाता है एक बेहद सफल रिप्रोडक्शन तकनीक है जिसकी मदद से बहुत कपल को बच्चे का सुख मिला है. इस प्रोसेस में 4 से 6 हफ्ते लगते हैं जिसमें आईवीएफ साइकल शुरू करने से लेकर प्रेगनेंसी टेस्ट के पॉजिटिव होने तक का समय शामिल है. IVF के खर्चे की बात करें तो यह इलाज और शहर पर डिपेंड करता है. भारत में आमतौर पर इसका खर्चा 1.5 लाख रुपए से 2 लाख रुपए के बीच होता है. लेकिन कुछ स्थिती में इसका खर्चा 2-5 लाख तक भी पहुंच सकता है.
IVF प्रोसेस के लिए महिलाओं के लिए 30 से 35 साल की उम्र ठीक मानी जाती है क्योंकि इस दौरान अंडों की क्वालिटी अच्छी होती है. वहीं, पुरुष के लिए 40-45 साल की उम्र में IVF करवाना बेहतर माना जाता है. इस दौरान पुरुषों की शुक्राणुओं की क्वालिटी सही होती है.
IVF तकनीक के लिए महिला की उम्र 21 से 50 साल के बीच होनी चाहिए और पुरुष की उम्र 21 से 55 साल के बीच होना जरूरी है. कपल होने बांझ होना चाहिए या फिर मेडिकल स्थिति होना जरूरी है जिसकी वजह से बच्चे होने को रोकती हो. अगर कोई महिला 50 साल के बाद IVF का सहारा लेना चाहती है तो मेडिकल और मेन्टल क्राइटेरिया पर खरी उतरना होता है. वहीं, अगर कोई IVF के कानून को तोड़ता है तो उसे 5 से 20 लाख रुपये तक का जुर्माना और 3 से 8 साल की जेल हो सकती है.
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