हर बार 900 मिलियन डॉलर का नुकसान, ट्रैवल, शुभ काम भी बंद; क्या है 13वें शुक्रवार का खौफ?
हिंदू परंपराओं की मानें तो जब कोई मरता है तो उसकी तेरह दिन में 13वीं की जाती है. हालांकि, व्यक्ति के क्रिया करम करने के बाद से 13 दिन जोड़े जाते हैं और उसके बाद 13वीं मनाई जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर ये 13वीं दिन शुक्रवार को पड़ रही है तो ये बहुत खराब होती है. इसका अक्सर बुरा असर पड़ता है, यह दिन अंधविश्वास और डर का प्रतीक माना जाता है.
देखिए हर जगह लोगों का अलग-अलग चीजों पर विश्वास होता है. कई लोग दिन देखकर अपने सारे काम करते हैं. कुछ लोग तो मंगलवार के दिन कहीं बाहर नहीं निकलते हैं. हालांकि, सबके अपने-अपने विश्वास हैं. बहरहाल, कुछ नियम ऐसे हैं जो काफी बरसों से चले आ रहे हैं. हिंदू परंपराओं की मानें तो जब कोई मरता है तो उसकी तेरह दिन में 13वीं की जाती है. हालांकि, व्यक्ति के क्रिया-कर्म करने के बाद से 13 दिन जोड़े जाते हैं और उसके बाद 13वीं मनाई जाती है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर ये 13वें दिन शुक्रवार को पड़ रहा है तो ये बहुत खराब होता है. इसका अक्सर बुरा असर पड़ता है, यह दिन अंधविश्वास और डर का प्रतीक माना जाता है. कई लोग इस दिन को लेकर विशेष रूप से चिंतित रहते हैं, और कुछ लोगों को तो इस दिन का भय इतना गहरा होती है कि इसे 'पैरास्कावेडेकैट्रीफोबिया' और 'फ्रिगाट्रिस्काइडेकैफोबिया' जैसी नामों से जाना जाता है.
शुक्रवार 13वीं को बुरा क्यों माना जाता है?
वेस्टर्न संस्कृति में संख्या 13 को हमेशा से ही अशुभ माना गया है. इसके विपरीत, संख्या 12 को शुभ और पूर्णता के साथ जोड़ा जाता है (जैसे 12 महीने, 12 राशि चक्र, 12 श्रम, 12 ओलंपियन देवता, और 12 इस्राइल के कबीले).
इतिहासकारों के अनुसार, शुक्रवार 13वीं के दिन को अशुभ मानने की कोई निश्चित उत्पत्ति नहीं है, लेकिन 13 नंबर का खराब माना जाना, जो कि काफी पुराना है. कोड ऑफ हैमुराबी, जो कि दुनिया के सबसे पुराने कानूनी दस्तावेजों में से एक है, जिसमें 13वीं कानूनी नियम की कमी बताई जाती है. हालांकि, यह केवल एक अनुवादक की गलती थी जिसमें एक पंक्ति छूट गई थी.
अच्छे दिन या विशेष आयोजनों को छोड़ने और यात्रा से बचने की वजह से हर शुक्रवार 13वीं को संगठनों को लगभग 900 मिलियन डॉलर का नुकसान होता है.