Delhi-NCR में मौजूद हैं मां दुर्गा के ये फेमस मंदिर, नवरात्रि के मौके पर बनाएं दर्शन का प्लान!

Navratri 2024: हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार बेहद खास माना जाता है. यह त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. कई लोग नवरात्रि के नौ दिन व्रत भी रखते हैं. ऐसा कहा जाता है कि व्रत रखने से सभी मनोकामना पूरी होती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. सभी भक्त देवी मां के दर्शन के लिए मंदिर भी जाते हैं. ऐसे में हम आपको बताएंगे नवरात्रि के दौरान दिल्ली- NCR के किन मंदिरों में दर्शन कर सकते हैं.

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Durga Temples In Delhi-NCR: नवरात्रि का नौ दिवसीय त्योहार शांति और उत्सव लेकर आता है जिसे दिल्ली के कई प्राचीन मंदिरों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. यहां के मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और मनोकामना पूर्ति के लिए प्रसिद्ध हैं और नवरात्रि के दौरान भक्त देवी दुर्गा के दर्शन करने के लिए इन मंदिरों में जुटते हैं. हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार खास माना जाता है. 

सभी भक्त नवरात्रि के दौरान खूब मजे लेते हैं और मां दुर्गा का आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर में दर्शन करते हैं. अगर आप दिल्ली-एनसीआर के पास रहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है. यहां हम आपको बताएंगे नवरात्रि के दौरान दिल्ली के किन मंदिरों में दर्शन कर सकते हैं. 

योगमाया मंदिर

दिल्ली का योगमाया मंदिर महरौली में स्थित है और यह भगवान कृष्ण की बहन देवी योगमाया को समर्पित है. यह मंदिर महाभारत काल का एक महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है. नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की बड़ी भीड़ होती है और इसे खूबसूरती से सजाया जाता है.

गुफा मंदिर

प्रीत विहार में स्थित गुफा मंदिर माता वैष्णो देवी को समर्पित है. यहां एक बड़ी गुफा है जो भक्तों को वैष्णो देवी के दरबार का अनुभव कराती है. नवरात्रि के दौरान आप इस मंदिर के दर्शन कर सकते हैं. 

छतरपुर मंदिर

छतरपुर मंदिर देवी कात्यायनी को समर्पित है और दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है. यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर परिसर है. नवरात्रि के समय यहां दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.

शीतला माता मंदिर

शीतला माता मंदिर शीतला माता रोड पर स्थित है. इस मंदिर में नवरात्रि के दौरान भक्तों की संख्या काफी बढ़ जाती है. यहां श्रद्धालु दूर से ही माता की मूर्ति को देख सकते हैं क्योंकि मूर्ति को छूने की इजाजत नहीं दी जाती है. 

कालकाजी मंदिर

कालकाजी या कालका मंदिर देवी काली को समर्पित है और इसे 'मनोकामना सिद्ध पीठ' के रूप में जाना जाता है. यह मंदिर 1764 ई. में बना था. नवरात्रि के दौरान यहां पूजा करने के लिए भक्तों की बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ती है.

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