TIPS To Protect Child Eyes: इन दिनों बच्चों में आंखों की रोशनी कम होने की समस्या तेजी से बढ़ रही है. हम देख रहे हैं कि 5 साल की उम्र में ही बच्चों की बड़ा चश्मा लग जाता है. एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि वैसे तो बच्चों के हर अंग की केयर करना जरूरी है, लेकिन जब बात आंखों की आती है तो यह और भी जरूरी हो जाती है. आंखें शरीर का सबसे नाजुक अंग हैं, जिन्हें सही रखना बेहद जरूरी है. हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि आखिर क्यों आंखों की रोशनी कम होने लगती है और इस समस्या से बचने के लिए कौन से टिप्स अपना सकते हैं.
आंखों की रोशनी कम होने का कोई एक ठोस कारण नहीं हैं. अलग-अलग लोगो के साथ इसके कारण भी अलग हो सकते हैं. सामान्य तौर पर एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जो बच्चे स्कीन पर अधिक वक्त बिताते हैं उनकी रोशनी कम हो सकती है. लंबे समय तक टीवी देखना, लैपटॉप देखना आपकी आंखें खराब कर सकता है. सही खानपान ना होना भी आंखों को प्रभावित करता है. ओनली माय हेल्थ ने अपनी एक रिपोर्ट में शारदा क्लीनिक के फिजिशिन डॉक्टर केपी सरदाना के हवाले से आंखों का खास ख्याल रखने के टिप्स बताए हैं.
बच्चों की आंखों की रोशनी के लिए हेल्दी टाइट फॉलो करना जरूरी है. इसलिए बच्चों की डाइट में अंडे, फल, हरी सब्जियां, नट्स और साबुत अनाज एड करें.
बच्चों को धूप में 1 घंटा खेलने दें. ऐसा करने से बच्चों की आंखों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं. इतना ही नहीं वो उनकी फिटनेस भी बनी रहेगी.
अगर अधिक धूप हैं तो बच्चों की धूप का चश्मा पहनाएं. ऐसा करने से आंखें सूरज की हानिकारक पराबैंगनी (यूवी) किरणों से सुरक्षित रहेंगी. आप चाहे तो एक्सपर्ट्स की सलाह पर चश्मा खरीदें, ताकि उसकी क्वालिटी और फिंटिग अच्छी रहे.
जितना हो सके बच्चों की स्क्रीनिंग टाइम करें. क्योंकि डिजिटल उपकरणों से निकलने वाली ब्लू रेज की रोशनी आंखों के लिए अधिक नुकसान पहुंचाती है. यह आंखों को धुंधला कर सकती है.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.