डॉक्टर ने इलाज में किया लापरवाही! जानें- कहां और कैसे करें शिकायत ?
Health : कई बार ऐसा होता है कि आप डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाते हैं हालांकि डॉक्टर इलाज के दौरान लापरवाही ऐसा करता है कि मरीज के जान का भी खतरा हो जाता है. ऐसे स्थिति में मरीज तथा उसके परिजनों के केस करने पर डॉक्टर की समस्या बढ़ सकती है.
Health : कई बार ऐसा होता है कि आप डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाते हैं हालांकि डॉक्टर इलाज के दौरान लापरवाही ऐसा करता है कि मरीज के जान का भी खतरा हो जाता है. वहीं कई बार तो मरीज की जान भी चली जाती है. ऐसे स्थिति में मरीज तथा उसके परिजनों के केस करने पर डॉक्टर की समस्या बढ़ सकती है.
इसको लेकर वकील बताते हैं कि डॉक्टर की लापरवाही के चलते मरीज की मौत हो जाती है तो IPC की धारा 304-A के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है. वहीं अगर डॉक्टर को इसमें दोषी पाया गया तो उसे 2 साल की जेल भी हो सकती है या फिर जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.
कैसे काम को माना जाता है चिकित्सकीय लापरवाही
इजाल के दौरान डॉक्टर की लापरवाही तब माना जाती है जब डॉक्टर अपने देखभाल के काम में कमी करे और उसके चलते मरीज को नुकसान पहुंचे तो वो डॉक्टर की लापरवाही मानी जाती है. वहीं डॉक्टर पर लापरवाही के लिए आपको केस के दौरान यह सिद्ध भी करना होगा कि डॉक्टर ने लापरवाही की है.
हालांकि डॉक्टर अगर कोई ऑपरेशन सफल नहीं होता है या फिर डॉक्टर के इलाज करने के बाद भी मरीज ठीक नहीं होता है तो इसमें डॉक्टर की लापरवाही नहीं मानी जाएगी.
लापरवाही को लेकर जानें कानून
डॉक्टरों की लापरवाही को लेकर कानून विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इलाज के दौरान डॉक्टर की लापरवाही को लेकर क्रिमिनल केस किया जा सकता है. इसके लिए IPC की धारा 304-A, 337 और 338 के तहत प्रावधान किया गया है. जिसके तहत अगर डॉक्टर दोषी पाया जाता है तो उसे छ: महीने से लेकर 2 साल के सजा का प्रावधान है साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है या फिर दोनों की सा हो सकती है.
लापरवाही को लेकर डॉक्टर के खिलाफ ऐसे करें शिकायत
इलाज के दौरान अगर डॉक्टर लापरवाही करता है जिसके वजह से मरीज की मौत हो जाती है या फिर मरीज को इससे गंभीर समस्या हो जाती है. ऐसे स्थिति में आप डॉक्टर और हॉस्पिटल के खिलाफ केस किया जा सकता है. इसके लिए आप भारतीय चिकित्सा परिषद की आधिकारिक वेबसाइट https://www.india.gov.in/official-website-medical-council-india पर शिकायत कर सकते हैं. साथ ही मरीज या उसके परिजन को डॉक्टर या हॉस्पिटल के खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाने होंगे. जिसको वो पेश कर सके.