दिवाली, जो कि दीपोत्सव के नाम से जाना जाता है. यह एक ऐसा पर्व है जो हर साल काफी धूमधाम से मनाया जाता है. यह हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो कि इस साल 31 अक्टूबर, दिन गुरुवार को पूरे विश्व में मनाया जाएगा. दिवाली का त्योहार केवल रोशनी का नहीं, बल्कि खुशियों, समृद्धि और सकारात्मकता का भी प्रतीक है. इस दिन लोग अपने घरों में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर महाराज की पूजा करते हैं, ताकि उनके घर में सुख-समृद्धि का वास हो.
दिवाली से पहले लोग अपने घरों में नई चीजों की खरीदारी करते हैं. शास्त्रों के अनुसार, जो चीजें हम घर में लाते हैं, उनका हमारे जीवन पर गहरा असर होता है. इसलिए, दिवाली से पहले कुछ वस्तुओं को घर में लाने से बचना चाहिए.
1. टूटी हुई वस्तुएं: टूटे फूटे सामान, जैसे शीशा, फर्नीचर या अन्य खराब सामान, घर में नहीं लाना चाहिए. ऐसा सामान दुर्भाग्य का प्रतीक माना जाता है.
2. काली वस्तुएं: काली वस्तुएं नकारात्मकता को आकर्षित करती हैं. इसलिए, काले रंग की चीजें, जैसे कपड़े या अन्य सामान, घर में न लाएं.
3. प्रयुक्त या सेकंड-हैंड वस्तुएं: पहले से इस्तेमाल की गई वस्तुएं, जैसे कपड़े या फर्नीचर, घर में लाना शुभ नहीं माना जाता. इनमें पुरानी ऊर्जा होती है, जो आपके घर के लिए अशुभ हो सकती है.
4. नुकीली वस्तुएं: चाकू या कैंची जैसी नुकीली चीजें घर में लाने से बचें. ये संघर्ष को आमंत्रित करती हैं और रिश्तों में दूरियां पैदा कर सकती हैं.
5. नकारात्मक वस्तुएं: दुखी या बुरी यादों से जुड़ी वस्तुएं, जैसे किसी की पुरानी फोटो या सामान, का स्वागत नहीं करना चाहिए. ये आपकी मानसिकता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं.
दिवाली का त्योहार न केवल रोशनी और खुशियों का प्रतीक है, बल्कि यह हमें अपने जीवन में सकारात्मकता को लाने का भी संदेश देता है. सही वस्तुओं को चुनकर ही हम अपने घर में लाएं.