कॉन्डोम की कैपिटल कहलाता है भारत का ये शहर, जानें क्या है इसके पीछे की कहानी?
भारत का औद्योगिक नक्शा कई अनोखी विशेषताओं से भरा हुआ है. जहां कुछ शहर टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप्स के लिए मशहूर हैं, वहीं कुछ अपनी ऐतिहासिक धरोहरों के कारण जाने जाते हैं. लेकिन महाराष्ट्र का औरंगाबाद एक ऐसा शहर है जिसे ‘कॉन्डोम की राजधानी’ कहा जाता है. यह नाम सुनकर भले ही आपको हैरानी हो, लेकिन इसके पीछे एक बड़ी वजह है.
Condom Capital of India: भारत में कई शहर अपनी विशिष्ट पहचान के लिए जाने जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि महाराष्ट्र का औरंगाबाद शहर 'कॉन्डोम की राजधानी' के रूप में प्रसिद्ध है?
इस अनोखी पहचान के पीछे एक खास वजह है, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. आइए जानते हैं कि आखिर औरंगाबाद को यह उपनाम क्यों मिला और यहां से कितने कॉन्डोम का उत्पादन होता है.
क्यों कहा जाता है औरंगाबाद को 'कॉन्डोम की राजधानी'?
औरंगाबाद को यह विशेष उपाधि इसलिए दी गई है क्योंकि यहां देश की सबसे बड़ी कॉन्डोम निर्माण कंपनियां स्थित हैं. भारत में उत्पादित होने वाले कुल कॉन्डोम का एक बड़ा हिस्सा यहीं से तैयार किया जाता है. देश की प्रमुख कॉन्डोम निर्माता कंपनियां, जैसे कि HLL Lifecare Limited और TTK Protective Devices, औरंगाबाद में अपनी उत्पादन इकाइयाँ संचालित करती हैं.
हर महीने कितने कॉन्डोम बनते हैं?
औरंगाबाद में हर महीने लगभग 10 करोड़ कॉन्डोम का उत्पादन होता है. ये कॉन्डोम सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी सप्लाई किए जाते हैं. इस शहर का योगदान भारत की जनसंख्या नियंत्रण नीतियों और सुरक्षित यौन संबंधों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
किन देशों में होती है सप्लाई?
यहां निर्मित कॉन्डोम भारत के अलावा यूरोप, लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और एशिया के कई देशों में निर्यात किए जाते हैं. उच्च गुणवत्ता वाले कॉन्डोम की मांग दुनियाभर में रहती है और औरंगाबाद की कंपनियां इस मांग को पूरा करने में अग्रणी हैं.
कॉन्डोम उत्पादन का आर्थिक महत्व
कॉन्डोम निर्माण उद्योग औरंगाबाद की अर्थव्यवस्था में भी अहम योगदान देता है. हजारों लोगों को इस उद्योग के जरिए रोजगार मिलता है और यह स्थानीय व्यापार को भी मजबूत बनाता है. इसके अलावा, सरकार को इस उद्योग से भारी मात्रा में राजस्व प्राप्त होता है.
औरंगाबाद केवल ऐतिहासिक स्थलों के लिए ही नहीं, बल्कि कॉन्डोम उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है. इसकी पहचान ‘कॉन्डोम की राजधानी’ के रूप में देश और दुनिया में बढ़ रही है. यहां का उद्योग न केवल स्वास्थ्य और जनसंख्या नियंत्रण के लिए जरूरी है, बल्कि आर्थिक विकास में भी योगदान दे रहा है.