गेहूं से कई गुना बेहतर है इन अनाजों का आटा, इन गंभीर बीमारियों से मिलता है छुटकारा
Millets Benefits: अधिकतर हमारे घरों में गेहूं के आटे की रोटियों का ही सेवन किया जाता है. वहीं, कुछ ऐसे भी अनाज हैं, जिनके आटे की रोटियां हमें कई प्रकार की बीमारियां बीपी, शुगर, कब्ज आदि से बचाने का काम करती हैं.
Millets Benefits: सर्दियों का मौसम जाने की कगार पर है. इस सर्दी में आपने बाजरा, मक्का, गेहूं आदि की रोटी काफी खाई होगी, लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे मोटे अनाजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके आटे की रोटी खाने से आप कई प्रकार की बीमारियों से भी बचे रह सकते हैं. मोटे अनाज की रोटी खाने से आप सेहतमंद रहते हैं.
इन बीमारियों से होता है बचाव
एक्सपर्ट्स की मानें तो मोटे अनाज की रोटी आपको कैंसर, डायबिटीज, बीपी, मोटापा, हृदय रोग आदि से बचाने में मदद करता है.
कौन से हैं ये मोटे अनाज
मोटे अनाज में कुटकी, कंगनी, चीना, कोदो, ज्वार, बाजरा, रागी और कुट्टू जैसे अनाज आते हैं. ये सारे ही अनाज ग्लूटेन फ्री होते हैं. इनको सुपरफूड्स भी कहा जाता है.
कुटकी और कंगनी का आटा
कुटकी में मैग्नीशियम पाया जाता है. इस कारण इसका सेवन बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है. इसमें विटामिन बी माइक्रोन्यूट्रेंट्स पाया जाता है, जो न्यूरोलॉजिकल डिजीज को दूर रखने में मदद करता है.
कोदा और बाजरा
कोदा में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, इस कारण यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है. वहीं, बाजरे में प्रोटीन, फैट, फाइबर, सोडियम, फॉलेट, आयरन, मैग्नीशियम, थियामिन, नियामिन, फॉस्फोरस जैसे तत्व पाए जाते हैं. इस कारण इसका सेवन कब्ज दूर करने और वजन को बढ़ने से रोकने में फायदेमंद होता है.
किनको नहीं खाना चाहिए मोटा अनाज
प्रतिदिन 100 से 200 ग्राम मोटे अनाज के आटे का सेवन शरीर के लिए पर्याप्त होता है. इसमें ट्रिप्टोफिन पाया जाता है, जो भूख और वजन को कम करने के साथ ही मूड को बेहतर बनाता है. वहीं, कुछ लोगों को मोटे अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए.
- जो किडनी के मरीज हैं, उनको ज्वार या बाजरा नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इसमें पोटेशियम होता है.
- जोड़ों में दर्द रहता है तो मोटा अनाज न खाएं.
- लो ब्लड प्रेशर वालों को भी ज्वार नहीं खाना चाहिए.
- पथरी के पेशेंट्स को रागी खाने से परहेज करना चाहिए.
- थायरॉइड की परेशानी से जूझ रहे हैं तो मोटे अनाज को अवॉइड करें.