Tips To Buy Sunglasses: कुछ लोग लुक को कंप्लीट करने के लिए सनग्लासेस जरूर पहनते हैं. सनग्लासेस पहनने से स्टाइलिश लुक के साथ-साथ सूरज की बुरी किरणों से भी राहत मिलती है. जहां कुछ लोग सनग्लासेस खरीदने के लिए हजारों रुपये खर्च करते हैं वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो लोकल मार्केट में 100-200 रुपये में सनग्लासेस खरीदते हैं. लेकिन क्या आपको पता है सस्ते सनग्लासेस आपके आंखों की रोशनी को बर्बाद कर सकता है.
कई डॉक्टर्स और एक्सपर्ट लोकल मार्केट में सस्ते दाम में सनग्लासेस खरीदने के लिए साफ मना करते हैं. एक्सपर्ट के अनुसार, सस्ते सनग्लासेस लो-क्वालिटी मटेरियल के बने होते हैं जिससे आपकी आंखों पर बुरा असर पड़ता है. सस्ते सनग्लासेस में UV प्रोटेक्शन नहीं होता है. आमतौर पर लोग सनग्लासेस आंखों को सूरज की बूरी किरणों से बचाने के लिए पहनते हैं. क्योंकि सूरज की बुरी किरणें मोतियाबिंद, फोटोकेराटाइटिस और पर्टिजियम जैसी परेशानी का सामना करना पड़ जाता है.
जब आप सनग्लासेस खरीदते हैं कई बातों को ध्यान में रखनी चाहिए. ऐसा जरूरी नहीं है कि महंगे सनग्लासेस में आपको यूवी सुरक्षा मिलेगी. जब सनग्लासेस खरीदते हैं तो सस्ता है या महंगा यह फर्क नहीं पड़ता है बल्कि आपकी आंखों को प्रोटेक्ट करें यह जरूरी है. इसलिए सनग्लासेस में UV प्रोटेक्शन होना जरूरी है. सनग्लासेस खरीदते वक्त लेंस मटेरियल, फ्रेम की क्वालिटी और लेंस का कलर के बारे में जरूर ध्यान दें.
सनग्लासेस खरीदते समय चश्मे के चारों ओर एक लेबल देखें जिस पर 100 % UV सुरक्षा या यूवी 400 लिखा हो. इसके साथ अगर लेंस पर आसानी से खरोंच लग जाती है या वे कमजोर लगते हैं तो उनकी क्वालिटी खराब हो सकती है.
समय-समय पर आंखों की जांच जरूर करवाएं. इससे गंभीर बीमारी से बच सकते हैं. वहीं, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा जैसी स्थितियों के लिए ऑप्टोमेट्रिस्ट को दिखाएं. आंखों पर कम जोर दें और काम करते समय अच्छी रोशनी हो इसका ध्यान रखें. लंबे समय तक स्क्रीन के उपयोग से आंखों के तनाव को कम करने के लिए हर 20 मिनट में कम से कम 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर किसी चीज को देखें. इसे 20-20-20 फॉर्मूला कहा जाता है. हेल्दी डाइट पत्तेदार सब्जियां, मछली, नट्स और खट्टे फल का सेवन करें.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.