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एक नहीं इन 5 बीमारियों का इलाज है 'सूर्य नमस्कार'

सू्र्य नमस्कार कोई एक योग नहीं, बल्कि 12 योगासनों का समूह है. यह योगासन आपको कई प्रकार बीमारियों से बचाता है. एक्सपर्ट्स की मानें तो यह योगासन वेट लॉस के साथ हार्ट अटैक के खतरे को भी कम करता है. इसके साथ ही इससे मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है.

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Edited By: Manish Pandey
एक नहीं इन 5 बीमारियों का इलाज है 'सूर्य नमस्कार'

नई दिल्ली. जीवन में निरोगी रहने के लिए योग का साथ एक बेहतर ऑप्शन माना जाता है. योग, आपको शारीरिक रूप से ही नहीं मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखता है. इसी योग का एक कॉम्पैक्ट रूप है, सू्र्य नमस्कार.. सूर्य नमस्कार करने से आप एक साथ 12 योगासनों को करते हैं. कई सारी अलग-अलग मुद्राएं आपकी बॉडी को अनेक लाभ देती हैं.  

   

सूर्य नमस्कार करने से आप कई सारी बीमारियों से दूर रह सकते हैं. यह योगासन हार्ट, दिमाग, मसल्स आदि शरीर के अंगों के लिए बेहद लाभकारी होता है. अगर आप डेली सूर्य नमस्कार को अपनी दिनचर्या को शामिल करते हैं तो आप इन 5 बीमारियों से कोसों दूर रहेंगे.  

 

1- हार्ट की समस्याएं  

 

आज के समय में हार्ट अटैक आना एक आम समस्या बन चुका है. हर दिन लाखों लोग हार्ट अटैक से अपनी जान गंवा देते हैं. सूर्य नमस्कार करने से कार्डियोवस्कुलर स्वास्थ्य अच्छा रहता है, और अटैक का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है.  

 

2- पाचन बनाए बेहतर   

 

सूर्य नमस्कार करने वाले लोगों का पाचन काफी अच्छा रहता है. इसमें पेट की अंगों की स्ट्रेचिंग होती है. इस कारण अपच, गैस, कब्ज जैसी समस्या से छुटकारा मिल जाता है.  

 

3- वेट होता है कंट्रोल   

 

अगर आप मोटापे के शिकार हैं तो आपको सूर्य नमस्कार अवश्य करना चाहिए. इसको करने से मोटापा दूर होने के साथ ही वजन कंट्रोल में रहता है.  

 

4- एंग्जाइटी की समस्या होती है दूर  

 

डेली सूर्य नमस्कार करने से हैप्पी हार्मोन अच्छी मात्रा में रिलीज होते हैं, इसको करने से एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसी समस्या दूर करने में सहायता मिलती है.  

 

5- चेहरे पर आता है निखार  

 

चेहरे की स्किन डल या फिर झुर्रियों वाली हो रही है तो आपको सूर्य नमस्कार को रूटीन में शामिल करना चाहिए. इससे चेहरे पर निखार आता है, इसके साथ ही झुर्रियां आदि दूर होती हैं.  

 

बरतनी चाहिए ये सावधानियां  

 

सूर्य नमस्कार काफी फायदेमंद योगासन है, लेकिन इसको किसी एक्सपर्ट से सीखकर ही करना चाहिए. इसके अलावा हार्निया और उच्चरक्त चाप के मरीजों को यह योगासन नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को भी गर्भधारण के तीसरे माह से ही इसका अभ्यास बंद कर देना चाहिए. पीरियड्स के समय भी इस योगासन को नहीं करना चाहिए.  

 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.