Heart Attack Risk: अगर आप अपनी नींद का समय तय नहीं रखते तो सावधान हो जाएं. वैज्ञानिकों का कहना है कि भले ही आप आठ घंटे की नींद ले रहे हों, लेकिन सोने का अनियमित समय हृदय संबंधी गंभीर बीमारियों, जैसे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकता है. कनाडा के ओटावा विश्वविद्यालय के डॉक्टर ने 72,000 से ज्यादा लोगों की नींद का अध्ययन करने के बाद यह चेतावनी दी है.
डॉक्टर्स का कहना है कि, 'नींद की नियमितता, नींद की अवधि से भी ज्यादा जरूरी हो सकती है, खासकर दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करने में.'
रिसर्च में पाया गया कि अनियमित नींद का समय हृदयाघात और स्ट्रोक के बढ़े हुए जोखिम से 'दृढ़ता से जुड़ा हुआ' है. ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन की कार्डियक नर्स ने कहा, 'यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है कि नींद हृदय को किस प्रकार लाभ पहुंचाती है, लेकिन रिसर्च बताती है कि खराब नींद सूजन पैदा करने वाले सीआरपी प्रोटीन के उच्च स्तर से जुड़ी होती है. यह सूजन हृदय और संचार संबंधी बीमारियों का प्रमुख कारण हो सकती है.
वैज्ञानिकों ने यूके बायोबैंक रिसर्च में भाग लेने वाले 40 से 79 साल की उम्र 72,269 प्रतिभागियों का डेटा इकट्ठा किया. रिसर्च की शुरुआत में इनमें से किसी को भी हृदय संबंधी गंभीर बीमारियों का इतिहास नहीं था. प्रतिभागियों ने एक सप्ताह तक अपनी नींद को ट्रैक करने के लिए एक एक्टिविटी मॉनिटर पहना. इसके आधार पर, उनका 'स्लीप रेग्युलैरिटी इंडेक्स स्कोर 0 (बहुत अनियमित) से 100 (पूरी तरह नियमित) तक आंका गया.
रिसर्च में शामिल लोगों को आठ सालों तक ट्रैक किया गया. इस दौरान जिन प्रतिभागियों की नींद अनियमित रही, उनमें दिल के दौरे, स्ट्रोक या हार्ट फेलियर का खतरा 26% अधिक पाया गया. वहीं, मध्यम रूप से अनियमित नींद लेने वालों में यह खतरा 8% अधिक था.
रिसर्च ने निष्कर्ष निकाला कि दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए पर्याप्त नींद लेने के साथ-साथ सोने और जागने का एक नियमित समय बनाए रखना भी बेहद जरूरी है. यह रिसर्च यह दिखाने में सफल रहा कि नींद की अनियमितता सिर्फ एक आदत नहीं, बल्कि हृदय स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला अहम कारक हो सकती है. समय पर सोने और जागने की आदत को बनाए रखना न केवल स्वास्थ्य, बल्कि दीर्घायु के लिए भी फायदेमंद है.