बिना कोचिंग के IPS बन रचा था इतिहास, जानें कैसी रही 'भौकाल' के असली हीरो की रियल लाइफ
Navniet Sekera: बेव सीरीज भौकाल तो आपने देखी ही होगी. अगर पूरी मूवी नहीं तो उसके शॉर्ट्स तो जरूर देखे होंगे. क्या आप जानते हैं कि इस बेव सीरीज के असली हीरो कौन हैं और वे आईपीएस कैसे बनें? अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं यूपी के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से फेमस आईपीएस नवनीत सिकेरा की रियल लाइफ कैसी है?
Navniet Sekera: 'नजर लक्ष्य पर थी, गिरे और संभलते रहे, हवाओं ने पूरा जोर लगा दिया, फिर भी चिराग जलते रहे.' ये मोटिवेशल लाइन फेमस आईपीएस नवनीत सिकेरा की हैं. यूपी पुलिस में एनकाउंट स्पेशलिस्ट के नाम से फेमस अफसर नवनीत सिकेरा अब तक 60 से अधिक एनकाउंटर्स को अंजाम दे चुके हैं. वे अभी लखनऊ में IG के पद पर तैनात हैं.
एटा जिल के एक छोटे से गांव में 22 अक्टूबर 1971 में जन्म लेने वाले नवनीत ने काफी मुश्किलों का सामना करते हुए खुद को IPS बनाया है. हालांकि वे शुरू में आईपीएस नहीं बनना चाहते थे, लेकिन एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद उन्होंने आईपीएस बनने की ठानी और उस सपने को पूरा भी किया.
हिंदी मीडियम से की थी पढ़ाई
1996 बैच के आईपीएस अधिकारी नवनीत बताते हैं कि उनके पिता एक साधारण किसान थे. उन्होंने अपनी पढ़ाई उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के एक स्कूल में हिंदी मीडियम से की थी. स्कूलिंग के बाद वे आगे की पढ़ाई करने दिल्ली के हंसराज कॉलेज में आ गए. यहां पर उनका एडमिशन के दौरान हिंदी मीडियम का होने की वजह से मजाक भी बनाया गया था. उनको लोगों की बात इतनी ज्यादा दिल में लगी कि उन्होंने आईआईटी में एडमिशन की ठानी और तैयारी करके एग्जाम पास किया. इसके बाद नवनीत ने दिल्ली आईआईटी से बीटेक किया .
इस घटना ने बना दिया आईपीएस
नवनीत के माता-पिता गांव में ही रहते थे. कुछ दबंगों ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया था. इस पर नवनीत अपने पिता के साथ इसकी शिकायत करने पुलिस थाने गए तो पुलिस वालों ने उनके पिता और उनसे बत्तमीजी कर दी. इसका कारण दूसरे पक्ष का ज्यादा दबंग होना रहा. इस घटना के बाद उन्होंनें आईपीएस बनने का ठान लिया. इसके बाद उन्होंने आईपीएस की तैयारी की.
बिना कोचिंग पास किया सिविल सर्विसेज का एग्जाम
पिता और खुद के साथ हुई बदसलूकी के बाद उन्होंने एमटेक करने का इरादा त्याग दिया और सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी. उनको पहले की अटेंप्ट में सफलता मिली और उनको टॉप रैंक मिली. टॉप रैंकिंग के चलते उनको आईएएस ऑफर किया गया पर उन्होंने आईपीएस को चुना. आईपीएस के रूप में उनकी पहली पोस्टिंग गोरखपुर में हुई. इसके बाद उनका ट्रांसफर मेरठ में कर दिया गया.
जनता के बने हीरो
उन दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपराधियों का बोलबाला था. कई बड़े अपराधियों के गैंग लोगों के चलते लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ता था. जब नवनीत मेरठ पहुंचे तो उन्होंने अपराधियों के प्रति बड़ा कड़ा रूख अपनाया. आम जनता के लिए वे हीरो बन गए. जब उनका ट्रांसफर हुआ तो उसे रुकवाने के लिए शहर भर में लोगों ने पोस्टर लगा दिए. जनता अपने हीरो को खुद के शहर से दूर नहीं होने देना चाहती थी.
बन गए एनकाउंटर स्पेशलिस्ट
नवनीत के नाम से ही अपराधी कांपते थे. उन्होंने फेक बारात के माध्यम से क्रिमिनल रमेश कालिया का एनकाउंटर किया था. उन्होंने 60 से ज्यादा एनकाउंटर किए हैं. उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी कई ठोस कदम उठाए हैं.साल 2001 में उन्हें जीपीएस-जीआईएस आधारित ऑटोमैटिक व्हीकल लोकेशन सिस्टम (एवीएलएस) विकसित करने के लिए यूपी के तत्कालीन सीएम राजनाथ सिंह से 5 लाख रुपये का पुरस्कार मिला था और इसके साथ उन्हें 2005 और 2013 में पुलिस विभाग को दिए अपने अद्भुत योगदान के लिए राष्ट्रपति पदक से भी नवाजा जा चुका है.
पर्सनल लाइफ बनी है बेवसीरीज भौकाल
भौकाल बेवसीरीज नवनीत सिकेरा के जीवन पर आधारित है. नवनीत का किरदार एक्टर मोहित रैना ने निभाया है. वर्तमान में आईजी पद पर तैनात नवनीत सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और आने वाली शिकायतों का तुरंत निस्तारण भी करते हैं.