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अंधेरा कमरा, खाली जेब और उधार की किताबें, जब सिक्योरिटी गार्ड के बेटे ने क्रैक किया UPSC, दिल छू लेगी यह कहानी

UPSC Exam: उत्तर प्रदेश के रहने के वाले कुलदीप द्विवेदी ने साल 2014 में AIR 242 हासिल करके UPSC एग्जाम क्लियर किया था. बता दें, उनके पिता सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते हैं. शुरू से ही कुलदीप द्विवेदी को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था. आइए जानते हैं कुलदीप द्विवेद की दिल छू लेने वाली सक्सेस स्टोरी के बारे में.

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Edited By: India Daily Live
IPS Kuldeep Dwivedi
Courtesy: Social Media

IPS Kuldeep Dwivedi: UPSC परीक्षा, जो अपनी कठिनाई के लिए जानी जाती है, भारत में सिविल सेवाओं में काम करने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए एक कंप्टेटिव परीक्षा है. हर साल बड़ी संख्या में छात्र UPSC की परीक्षा देते हैं. इसकी कम्पटीशन के कारण  केवल कुछ ही उम्मीदवार परीक्षा क्लियर कर पाते हैं और सिविल सेवक बनने के अपने सपने को पूरा कर पाते हैं. यह एक IRS अधिकारी कुलदीप द्विवेदी की मोटिवेशनल कहानी है, जो अपने तीसरे प्रयास में परीक्षा में सफल हुए और 2015 में 242 की AIR हासिल की.

छोटी उम्र से ही आर्थिक तंगी का सामना करने के बावजूद कुलदीप द्विवेदी ने कभी किसी समस्या को अपनी सफलता के आड़े नहीं आने दिया।.वह उत्तर प्रदेश के निगोह जिले के एक छोटे से गांव शेखपुर के रहने वाले हैं. उनके पिता, सूर्यकांत द्विवेदी, लखनऊ विश्वविद्यालय में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते हैं और केवल 1100 रुपये की मामूली सैलरी पर परिवार में कमाने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं. अपने बच्चों को शिक्षा देने के लिए सूर्यकांत को दिन के दौरान खेतों में काम करना पड़ता था.

PCO के जरिए करते थे बात

4 भाई-बहनों में कुलदीप पढ़ाई में सबसे होशियार था. उन्होंने साल 2009 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी. 2011 में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू की. इलाहाबाद में रहने के दौरान वह UPSC परीक्षा के लिए पढ़ाई कर रहे थे. उस समय उनके पास मोबाइल फोन नहीं था और उन्हें अपने परिवार के सदस्यों के साथ PCO के माध्यम से बातचीत करनी पड़ती थी.

पढ़ने के लिए किताबें मांगी उधार 

कुलदीप की ट्रेनिंग अगस्त 2016 में नागपुर में शुरू हुई. उन्हें UPSC परीक्षा के लिए कोई कोचिंग नहीं मिली. इसके बजाय उन्होंने साथी उम्मीदवारों से किताबें उधार लेकर सेल्फ स्टडी पर भरोसा किया.