IPS Divya Tanwar: मां मजदूरी करती थी, खुद सरकारी स्कूल में पढ़ाई की. इसके बावजूद महेंद्रगढ़ की लड़की ने सफलता की ऐसी बुलंदी को छू लिया, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए नजीर बन गई. लड़की ने एक नहीं दो-दो बार यूपीएससी एग्जाम क्रैक किया, वो भी बिना कोचिंग की मदद से. अब पैरेंट्स उनकी सफलता की कहानी से अपने बच्चों को प्रेरणा लेने की सलाह देते हैं. हम बात कर रहे हैं, IPS दिव्या तंवर की.
हरियाणा के महेंद्रगढ़ के निंबी गांव की रहने वाली दिव्या तंवर ने पहली बार 2021 में सिविल सेवा परीक्षा यानी UPSC पास की थी. उस दौरान उनका रैंक 438वां था. दिव्या को IPS रैंक मिली और उन्हें मणिपुर कैडर अलॉट किया गया. इस सफलता के बाद भी दिव्या संतुष्ट नहीं दिखीं. उन्होंने IAS के लिए पढ़ाई जारी रखी और 2022 में दोबारा UPSC क्रैक किया. इस दौरान उनकी रैंक 105वीं थी.
5वीं तक गांव के स्कूल से और 12वीं तक नवोदय स्कूल से पढ़ाई करने वाली दिव्या के मुताबिक, जब वो स्कूल में पढ़ाई करतीं थीं, तब उनके स्कूल में एनुअल फंक्शन में वहां के SDM को बतौर चीफ गेस्ट बुलाया गया था. पहले तो SDM साहब की स्पीच और फिर उन्हें मिली इज्जत ने दिव्या को प्रेरित किया. कुछ साल बाद जब दिव्या कॉलेज में पहुंची तो उन्होंने UPSC एग्जाम के बारे में जानकारी जुटाई और फिर तैयारियों में जुट गईं. दिव्या बताती हैं कि बिना कोचिंग के उन्होंने अपनी तैयारी की और इसके लिए एटीट्यूड का पॉजिटिव होना सबसे ज्यादा जरूरी है.
उन्होंने बताया कि खुद से तैयारी के दौरान मैंने पिछले कई टॉपर्स के इंटरव्यूज देखें. उनके इंटरव्यूज से मुझे काफी मदद मिली. उन्होंने जो भी टिप्स अपने इंटरव्यू में बताए, उसी के मुताबिक, मैंने अपनी तैयारी शुरू की. उन्होंने बताया था कि बिना कोचिंग के पढ़ाई ज्यादा मुश्किल नहीं थी. कोचिंग न जाने के सवाल के बारे में उन्होंने बताया था कि घर की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं थी, इसलिए सेल्फ स्टडी का फैसला किया था. दिव्या के मुताबिक, वे रोजाना करीब 10 घंटे पढ़ाई करती थीं.
2011 में दिव्या के पिता भरत सिंह का बीमारी के कारण निधन हुआ था. इसके बाद मां बबीता तंवर ने खेतों में मजदूरी कर उनकी पढ़ाई जारी रखी. दिव्या की एक छोटी बहन और एक भाई है.
दिव्या तंवर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि सक्सेस का कोई ऑप्शन नहीं है. टार्गेट फिक्स करने बस लगन से जुटने की जरूरत होती है. मेहनत में कोई कटौती नहीं होनी चाहिए. साथ ही किस्मत से ज्यादा खुद पर भरोसा रखते हुए अपने सोच को पॉजिटिव रखना चाहिए.