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खेलने-कूदने में हैं नंबर 1 तो स्पोर्ट्स कोटा के जरिए पाएं सरकारी नौकरी, जानें इससे जुड़ी सभी डिटेल्स

Sarkari Naukri: पहले के समय में खेलने-कूदने को ठीक नहीं माना जाता है. लेकिन अब खेलने-कूदने को लेकर लोग काफी जागरूक हो गए हैं. क्या आपको पता है खेलने-कूदने से आप सरकारी नौकरी भी पा सकते हैं. आप स्पोर्ट्स कोटा के जरिए सरकारी नौकरी पा सकते हैं. ऐसे में आपको 10वीं और इंटरमीडिएट पास होना जरूरी है. आइए जानते हैं योग्यता और सिलेक्शन प्रोसेस के बारे में.

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Edited By: India Daily Live
Government Jobs Under Sports Quota
Courtesy: Freepik

Government Jobs Under Sports Quota: पिछले जमाने में खेलने-कूदने को खराब माना जाता था. लेकिन अब खेलने-कूदने वाले भी काफी नोट छाप रहे हैं. क्या आपको पता है खेलने-कूदने से आप सरकारी नौकरी भी पा सकते हैं. दरअसल, खेल कोटा से भी सरकारी नौकरी कर सकते हैं. इसमें अंतर्गत यूनिवर्सिटी लेवल से लेकर राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक के खिलाड़ी सरकारी नौकरी पदों के लिए अप्लाई कर सकते हैं. 

स्पोर्ट कोटा के जरिए सरकारी नौकरी पाने के लिए उम्मीदवार को 10वीं और इंटरमीडिएट पास होना जरूरी है. सभी सरकारी डिपार्टमेंट के अलग-अलग सिलेक्शन प्रोसेस होते हैं. इसके अलावा खेल कोटा में नौकरी के लिए अलग-अलग ग्रेड पे के अनुसार भी अलग-अलग योग्यता मापदंड का प्रावधान है. 

क्या है योग्यता 

सरकारी नौकरी पाने के लिए खिलाड़ी ने नेशनल लेवल या इंटरनेशनल लेवल में स्टेट या देश को रिप्रेजेंट किया होना चाहिए. खिलाड़ी को इंटर-यूनिवर्सिटी खेल बोर्ड द्वारा आयोजित इंटर-यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में अपनी यूनिवर्सिटी का रिप्रेजेंट किया होना चाहिए. खिलाड़ी को ऑल इंडिया स्कूल गेम्स फेडरेशन द्वारा स्कूलों के लिए आयोजित राष्ट्रीय खेल/खेलों में राज्य स्कूल टीम का रिप्रेजेंट किया होना चाहिए. 

किसमें मिलती है नौकरी

स्पोर्ट कोटा की मदद से रेलवे, आर्मी, अर्धसैनिक बलों (paramilitary force), पुलिस, बैंक, यूनिवर्सिटी सहित अलग-अलग सरकारी डिपार्टमेंट में नौकरियां मिलती हैं. इसके साथ उन्हें कई तरह की छूट भी मिलती है. खेल कोटा सरकारी पदों पर नौकरी पाने के लिए लिखित परीक्षा/स्पोर्ट्स ट्रायल/मेडिकल टेस्ट और फिर इंटरव्यू से गुजरना पड़ता है. 

ऐसे दी जाती है नौकरी

खेल कोटा में सबसे पहले उन्हें priority दी जाती है जिन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर देश का रिप्रेजेंट किया हो. इसके बाद स्टेट लेवल खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जाती है. यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल महासंघों द्वारा आयोजित सीनियर या जूनियर लेवल की राष्ट्रीय चैंपियनशिप या भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय खेलों में कम से कम तीसरे स्थान पर रहे हो या मेडल जीते हो. 

तीसरे नंबर उन खिलाड़ियों को priority दी जाती है जो एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज/इंटर यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स बोर्ड द्वारा आयोजित इंटर-यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में किसी यूनिवर्सिटी को रिप्रेजेंट किया हो और कम से कम फाइनल में  तीसरी स्थान हासिल की हो. चौथे स्थान पर उन खिलाड़ियों को सरकारी पदों पर भर्ती की जाती है जो जिन्होंने ऑल इंडिया स्कूल गेम्स फेडरेशन द्वारा आयोजित नेशनल स्पोर्ट्स/गेम्स फॉर स्कूल में स्टेट स्कूल को रिप्रेजेंट करने के साथ कोई मेडल अपने नाम किया हो. इसके बाद लास्ट में जो खिलाड़ी नेशनल फिजिकल एफिशिएंसी ड्राइव में फिजिकल एफिशिएंसी के लिए नेशनल अवार्ड जीता है या फिर स्टेट/केंद्र शासित प्रदेश/यूनिवर्सिटी/स्टेट स्कूल टीम को रिप्रेजेंट किया हो उन्हें नौकरी दी जाती है.