Physiotherapy Course: आजकल के युवाओं के लिए करियर के कई ऑप्शन मौजूद हैं. खासकर उन छात्रों के लिए जो साइंस स्ट्रीम से हैं. इनमें से एक बेहद अच्छा ऑप्शन है फिजियोथेरेपिस्ट बनना. फिजियोथेरेपिस्ट यानी फिजिकल थेरेपिस्ट, जो मरीजों को शारीरिक एक्सरसाइज करवाने के साथ-साथ मेंटल स्ट्रेस कम करने में भी मदद करते हैं. यह प्रोफेशन अस्पतालों, खेल विभागों और व्यक्तिगत क्लीनिक में काम करने के अवसर प्रदान करता है.
फिजियोथेरेपिस्ट बनने के लिए फिजियोथेरेपी कोर्स में डिग्री या डिप्लोमा करना जरूरी है. डिग्री प्राप्त करने के बाद, पोस्ट ग्रेजुएशन करना भी जरूरी होता है ताकि आपको अच्छा करियर बन सकें. फिजियोथेरेपी में मानव शरीर, एक्सरसाइज फिजियोलॉजी और कार्डियक रिहैबिलिटेशन जैसे सब्जेक्ट के बारे में सिखाया जाता है.
अगर आपको फिजियोथेरेपिस्ट बनना है तो 10वीं और 12वीं पास होने चाहिए. इसके बाद मान्यता प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी से फिजियोथेरेपी में डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त करनी होती है. इस कोर्स में बीएससी फिजियोथेरेपी एक अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है. अगर आप खुद का क्लिनिक खोलना चाहते हैं, तो उसके लिए लाइसेंस होना चाहिए.
फिजियोथेरेपी के लिए विभिन्न एंट्रेंस एग्जाम होते हैं जैसे CET, LPUNEST, CPNET, और NILD CET. सरकारी नौकरी की चाह रखने वालों के लिए हर अस्पताल अपनी जरूरत के अनुसार सीटें निकालता है, इसलिए कोई कॉमन एग्जाम नहीं होता.
भारत के प्रमुख अस्पतालों में फिजियोथेरेपिस्ट की सैलरी 1 लाख रुपये से अधिक हो सकती है. अन्य अस्पतालों में यह 50 हजार से 1 लाख रुपये तक होती है. प्राइवेट हॉस्पिटलों में आमतौर पर 50 से 70 हजार रुपये महीने की सैलरी होती है जबकि खुद का क्लिनिक खोलने पर महीने में 2 से 3 लाख रुपये तक कमाने की संभावना होती है.