Goldman Sachs Report: गोल्डमैन सैक्स ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि भारत का सेवा निर्यात 2023 में 340 अरब डॉलर से बढ़कर 2030 तक 800 अरब डॉलर हो जाएगा. पिछले साल घोषित की गई भारत की विदेश व्यापार नीति (Foreign Trade Policy) में 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर के सर्विस एक्सपोर्ट का टारगेट रखा गया था. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वैश्विक सेवा निर्यात (global service export) में भारत की हिस्सेदारी पिछले 18 वर्षों में (2005 से अब तक) दोगुनी से अधिक हो गई है.
भारत की हिस्सेदारी के बढ़ने से ग्लोबल सर्विस एक्सपोर्ट में वैश्विक क्षमता केंद्रों (Global Competence Centers) के प्रसार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. GCC के प्रसार ने रियल एस्टेट को बढ़ावा दिया है, सर्विस एक्सपोर्ट का विस्तार किया है, आर्थिक विकास में वृद्धि की है, नौकरियां पैदा की हैं और इन कंपनियों के राजस्व में तेजी से वृद्धि हुई है. इस लिहाज से 2030 तक सर्विस एक्सपोर्ट के बढ़ने से आर्थिक विकास, बंपर नौकरियों और कंपनियों के रेवेन्यू में बढ़ोतरी की उम्मीद है.
GCC दुनिया भर में काम करने वाली कंपनियों की ओर से बनाई गईं विशेष अपतटीय संस्थाएं (specialized offshore entities) हैं. ये केंद्र आईटी, मानव संसाधन, वित्त, विश्लेषण समेत कई व्यावसायिक प्रक्रियाओं (business processes) का समर्थन करते हैं. 'दुनिया की उभरती हुई सेवा फैक्ट्री के रूप में भारत का उदय' नाम से छपी गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में GCC का रेवेन्यू पिछले 13 सालों में 11.4% की CAGR (Compound Annual Growth Rate) से लगभग 4 गुना बढ़कर 2023 तक 46 बिलियन डॉलर हो गया है.
पिछले 13 सालों में GCC की संख्या दोगुनी से अधिक यानी 700 से बढ़कर 1580 हो गई है. इस क्षेत्र में लगभग 13 लाख कर्मचारी जुड़े हैं, जिससे वित्त वर्ष 2023 में कुल कर्मचारी संख्या 1.7 मिलियन हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, अगले कुछ वर्षों में हाई वैल्यू वाली सर्विसेज में मजबूती से बढ़ोतरी की उम्मीद है.
कहा गया है कि भारत का सर्विस एक्सपोर्ट 2005 से लगभग 11% की सीएजीआर के साथ 2023 में लगभग 340 बिलियन डॉलर तक बढ़ गया. इससे ग्लोबल सर्विस एक्सपोर्ट में भारत की हिस्सेदारी 2005 में 2% से बढ़कर 2023 में 4.6% हो गई, जबकि माल निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 2005 में केवल 1% थी, जो अब बढ़कर 2023 में 1.8% हो गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के लिए बीमा , वित्तीय , परिवहन और यात्रा क्षेत्रों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की भी गुंजाइश है.