Bangladesh: बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक आवास पर हुए हमले और उसे ध्वस्त किए जाने के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारतीय हाई कमिश्नर पवन बाधे को तलब कर शेख हसीना के बयानों को 'मनगढ़ंत और भड़काऊ' बताया है. सरकार का कहना है कि हसीना के इस बयान से ढाका-दिल्ली के रिश्तों को नुकसान हो सकता है.
शेख हसीना, जो पिछले साल अगस्त में शासन परिवर्तन के बाद भारत भाग गई थीं, ने फेसबुक लाइव के जरिए बयान दिया कि मुहम्मद यूनुस ने 'लाशों पर चलकर' सत्ता हथिया ली. इसी दौरान ढाका में प्रदर्शनकारियों ने शेख मुजीबुर रहमान के आवास-स्मारक को आग के हवाले कर दिया और ध्वस्त कर दिया.
भारत सरकार ने इस हमले की कड़ी निंदा की और इसे 'बर्बरतापूर्ण हमला' करार दिया. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह स्मारक बांग्लादेश की राष्ट्रीय चेतना और स्वतंत्रता संग्राम के गौरव से जुड़ा है.
बांग्लादेश ने भारत से शेख हसीना को 'भड़काऊ बयान' देने से रोकने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है. बता दे की अपने बयान में शेख हसीना ने कहा था, 'वे एक इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं... लेकिन उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला लेता है.' बांग्लादेश की सरकार ने इसे 'शत्रुतापूर्ण बयान' करार दिया और आरोप लगाया कि हसीना देश में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रही हैं.
बुधवार शाम को प्रदर्शनकारियों ने शेख मुजीबुर रहमान के धनमंडी स्थित आवास के बाहर प्रदर्शन किया. इस घर को एक स्मारक में तब्दील किया गया था, क्योंकि 1975 में इसी स्थान पर मुजीबुर रहमान और उनके परिवार की हत्या कर दी गई थी. सोशल मीडिया पर पहले ही 'बुलडोजर जुलूस' की घोषणा की गई थी, और इस आह्वान के बाद प्रदर्शनकारियों ने स्मारक को आग के हवाले कर दिया.
इस हमले में प्रदर्शनकारियों ने पास की इमारत, जहां अवामी लीग के कार्यालय स्थित थे, उसे भी ध्वस्त कर दिया गया. शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीरों को तोड़ दिया. इसके साथ ही शेख हसीना के दिवंगत पति वाजेद मियां के आवास को भी जला दिया गया.
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह घटना 'लोकतंत्र को नष्ट करने' के उद्देश्य से की गई है और इससे देश में अराजकता पैदा हो सकती है.