menu-icon
India Daily

Pahalgam Attack: 'आपके मंत्री ने खुद माना...' UN में भारत का तीखा वार, पाकिस्तान मंत्री के बयान ने ही खोल दी पहलगाम हमले की पोल

India Big Statement In UN: भारत को 'सीमापार आतंकवाद का शिकार' मानते हुए उप राजदूत ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की 'खुली स्वीकारोक्ति' का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का आतंकवादी समूहों को समर्थन देने का एक लंबा इतिहास है.

auth-image
Edited By: Ritu Sharma
India-Pakistan Diplomatic Tension
Courtesy: Social Media

India-Pakistan Diplomatic Tension: संयुक्त राष्ट्र में भारत ने सोमवार को पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार हमला बोला और सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा खुलकर उठाया. यह जवाब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए उस आतंकी हमले के बाद आया है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे. संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत योजना पटेल ने न्यूयॉर्क में 'आतंकवाद पीड़ित एसोसिएशन नेटवर्क' की लॉन्चिंग के दौरान आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हुए पाकिस्तान को घेरा.

'आपके मंत्री ने खुद माना है' - भारत का करारा तंज

बता दें कि राजदूत पटेल ने पाकिस्तान पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, ''पूरी दुनिया ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को यह स्वीकार करते हुए सुना है कि पाकिस्तान ने लंबे समय तक आतंकवादी संगठनों को समर्थन, ट्रेनिंग और फंडिंग दी है.'' उन्होंने कहा कि यह कबूलनामा कोई चौंकाने वाली बात नहीं है, बल्कि यह तो पाकिस्तान की असलियत उजागर करता है.

वहीं पटेल ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसके प्रतिनिधियों द्वारा भारत पर लगाए गए झूठे आरोपों को भी सिरे से खारिज किया और कहा, ''दुनिया अब और आंखें मूंदकर नहीं रह सकती. यह देश वैश्विक आतंकवाद का गढ़ बन चुका है और पूरी दुनिया के लिए खतरा है.''

UNSC की सख्त चेतावनी, जिम्मेदारों को सजा देने की मांग

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने भी पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की और 15 देशों की इस परिषद ने स्पष्ट किया कि जो भी इस हमले में शामिल हैं, चाहे वे आतंकी हों या उन्हें समर्थन देने वाले, उन्हें न्याय के कटघरे में लाना होगा. बयान में सभी देशों से सहयोग की अपील की गई ताकि अंतरराष्ट्रीय कानून और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत कार्रवाई हो सके.

भारत ने लिए सख्त कूटनीतिक कदम

बहरहाल, हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कूटनीतिक और सुरक्षा उपाय लागू किए. इनमें सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित करना, अटारी बॉर्डर से व्यापार पर रोक लगाना और सार्क वीजा छूट योजना को रद्द करना शामिल है. भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के लिए 40 घंटे का वक्त दिया गया. दोनों देशों ने अपने उच्चायोगों से राजनयिकों की संख्या में भी कटौती की.