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'लाखों लोग मर गए, आप उसके खिलाफ नहीं लड़ सकते जो आपसे 20 गुना बड़ा है', रूस-यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप ने जेलेंस्की पर बोला हमला

 ट्रंप ने पहले वादा किया था कि वह यूक्रेन युद्ध को 24 घंटे में खत्म कर देंगे, लेकिन उनके हालिया बयानों और हथियारों की आपूर्ति ने इस पर सवाल खड़े किए हैं. साथ ही, ईरान पर हमले की धमकी ने उनके “अमेरिका फर्स्ट” नीति पर बहस छेड़ दी है. 

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Edited By: Sagar Bhardwaj
You cant fight against someone who is 20 times bigger than you Trump attacks Zelensky over Russia-Uk

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को लेकर विवादास्पद बयान दिए हैं. उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की पर युद्ध शुरू करने का आरोप लगाया और कहा कि वह अब दूसरों से मिसाइलों की भीख मांग रहे हैं. ट्रंप ने इस संघर्ष को एक आपदा करार दिया.

ज़ेलेंस्की और बाइडन पर निशाना

ट्रंप ने कहा, “आप 20 गुना बड़े देश के खिलाफ युद्ध शुरू नहीं करते और फिर उम्मीद करते हैं कि कोई आपको मिसाइलें देगा.” उन्होंने रूस, यूक्रेन और अमेरिका के नेतृत्व को युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इसकी वजह से “लाखों लोग मारे गए हैं.” ट्रंप ने बाइडन की अक्षमता को भी कोसा और दावा किया कि वह “हत्याओं को रोकना” चाहते हैं. हालांकि, ट्रंप अभी भी यूक्रेन को हथियार भेज रहे हैं, जिसे लेकर उनकी आलोचना हो रही है.

ईरान और यूक्रेन पर बयान
ट्रंप ने ईरान को लेकर भी आक्रामक रुख अपनाया. उन्होंने दावा किया कि तेहरान “परमाणु हथियार के काफी करीब” है और वह इसके परमाणु ठिकानों पर हमला करने को तैयार हैं. यूक्रेन-रूस संघर्ष पर उन्होंने कहा, “ईरान? आसान है. यूक्रेन और रूस? हम इसे हल कर लेंगे.” ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उन्होंने मुद्रास्फीति और शेयर बाजार की समस्याओं को पहले ही ठीक कर दिया है. 

रूस के खिलाफ कार्रवाई
ट्रंप ने रूस की नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन को “रोकने” का श्रेय लिया. उन्होंने कहा, “मैंने उनकी सबसे बड़ी आर्थिक परियोजना को रोक दिया.” हालांकि, उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर बाइडन ने इसे मंजूरी दी थी, तो “इसे उड़ाया किसने?” यह बयान उन्होंने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों के संदर्भ में दिया. 

24 घंटे में युद्ध खत्म करने का वादा

 ट्रंप ने पहले वादा किया था कि वह यूक्रेन युद्ध को 24 घंटे में खत्म कर देंगे, लेकिन उनके हालिया बयानों और हथियारों की आपूर्ति ने इस पर सवाल खड़े किए हैं. साथ ही, ईरान पर हमले की धमकी ने उनके “अमेरिका फर्स्ट” नीति पर बहस छेड़ दी है. 
 


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