हूती विद्रोहियों ने गुरुवार (27 मार्च) को एक बड़ा दावा किया है, जिसमें उन्होंने एक इजरायली हवाई अड्डे और सेना की साइट के साथ-साथ एक अमेरिकी युद्धपोत को भी निशाना बनाने का दावा किया है. बता दें कि, यह हमला उस समय हुआ, जब इजरायल ने यमन से दागे गए मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने की सूचना दी थी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हूती सेना के प्रवक्ता याहया सरी ने बताया कि "हमने बेन गुरियन हवाई अड्डे को... एक बैलिस्टिक मिसाइल से निशाना बनाया है. साथ ही तेल अवीव के दक्षिण में एक सैन्य टारगेट को भी हमले में लिया है. उन्होंने यह भी कहा कि यह हमला "अमेरिकी आक्रामकता के जवाब में" किया गया था.
इजरायल ने मिसाइलों को किया इंटरसेप्ट
इससे पहले गुरुवार को, इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने बताया कि उसने यमन से दागी गई दो मिसाइलों को इजरायल की सीमा में प्रवेश करने से पहले ही इंटरसेप्ट कर लिया था. इस कार्रवाई के दौरान कई क्षेत्रों, जिसमें यरुशलम भी शामिल था, उसमें एयर रेड सायरन बजाए गए थे.
हूतियों का अमेरिकी युद्धपोत पर भी हमला
हूती सेना के प्रवक्ता याहया सरी ने यह भी कहा कि हूथियों ने "लाल सागर में शत्रुतापूर्ण युद्धपोतों को निशाना बनाया, जिनमें अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर (USS हैरी एस ट्रूमैन) भी शामिल था." उन्होंने यह हमला "हमारे देश के खिलाफ चल रही अमेरिकी आक्रामकता" के जवाब में किया है. बता दें कि, 15 मार्च को, अमेरिका ने हूतियों के खिलाफ "बड़े पैमाने पर ऑपरेशन" शुरू किया था, जिसमें हवाई हमले किए गए थे.
हूथियों के हमलों में दो की मौत
गुरुवार (27 मार्च) को हूथियों ने दावा किया कि रातभर के हवाई हमलों में दो लोगों की मौत हो गई, जिन्हें उन्होंने अमेरिका पर आरोपित किया. हूती के मीडिया चैनल अल-मसीरा ने साना प्रांत में लगभग 20 हमलों की सूचना दी, जिसमें से कुछ हमले साना के उत्तर और दक्षिण में किए गए थे. हूती स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अनिस अल-असबाही ने सोशल मीडिया पर कहा, "अमेरिकी आक्रामकता में दो की मौत हो गई और दो घायल हुए हैं.
अमेरिका का जवाब और हूथियों की प्रतिक्रिया
अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी सुरक्षा बलों ने यमन में हूती नियंत्रित क्षेत्रों पर हर दिन हवाई हमले किए हैं. मार्च 15 के हमलों के बाद, हूतियों ने अमेरिकी युद्धपोतों और इजरायल पर हमले की जिम्मेदारी ली थी. इसके अलावा, हूतियों ने लाल सागर और अदन की खाड़ी में शिपिंग जहाजों को निशाना बनाया था, यह कदम उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों के प्रति अपनी एकजुटता दिखाने के लिए उठाया था.