मारा गया दुनिया का सबसे खतरनाक ISIS आतंकी अब्दुल्ला माकी मुसलेह अल-रिफाई उर्फ अबू खदीजा
अबू खदीजा का मारा जाना ISIS के लिए एक बड़ा झटका है. इराकी प्रधानमंत्री ने इसे आतंक के खिलाफ लड़ाई में अहम जीत करार दिया. यह ऑपरेशन उस समय हुआ, जब ISIS के हमले बढ़ रहे थे और संगठन क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा था.
इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट (ISIS) का सरगना अब्दुल्ला माकी मुसलेह अल-रिफाई, जिसे अबू खदीजा के नाम से भी जाना जाता था, मारा गया. इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की और इसे दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकियों में से एक बताया. यह ऑपरेशन इराकी सुरक्षा बलों ने अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन की मदद से अंजाम दिया.
आतंक का इतिहास
ISIS ने कई सालों तक इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर कट्टर इस्लामी शासन थोपा था. इस संगठन ने लाखों लोगों पर अपनी क्रूर हुकूमत चलाई. 2014 में इसके पूर्व नेता अबू बक्र अल-बगदादी ने इराक और सीरिया के एक चौथाई हिस्से पर खलीफा घोषित किया था. हालांकि, 2019 में अमेरिकी विशेष बलों ने उत्तर-पश्चिम सीरिया में एक छापेमारी के दौरान बगदादी को मार गिराया, जिसके बाद संगठन कमजोर पड़ गया था. लेकिन हाल के दिनों में ISIS फिर से अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश कर रहा था.
फिर से खड़ा होने की कोशिश में ISIS
अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने पिछले साल जुलाई में कहा था कि ISIS अपनी घटी हुई क्षमता के बाद फिर से संगठित होने की कोशिश में है. 2024 की पहली छमाही में संगठन ने इराक और सीरिया में 153 हमलों का दावा किया था. यह संख्या पिछले साल की तुलना में दोगुनी होने की रफ्तार में थी. इससे साफ था कि ISIS मध्य पूर्व, पश्चिमी देशों और एशिया में अपनी मौजूदगी दोबारा मजबूत करने की फिराक में था.
अबू खदीजा का अंत
अबू खदीजा का मारा जाना ISIS के लिए एक बड़ा झटका है. इराकी प्रधानमंत्री ने इसे आतंक के खिलाफ लड़ाई में अहम जीत करार दिया. यह ऑपरेशन उस समय हुआ, जब ISIS के हमले बढ़ रहे थे और संगठन क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा था. अमेरिकी गठबंधन और इराकी बलों की संयुक्त कार्रवाई ने इस खतरनाक आतंकी को खत्म कर क्षेत्र में शांति की उम्मीद को मजबूत किया है.
भविष्य की चुनौती
हालांकि अबू खदीजा की मौत से ISIS को नुकसान पहुंचा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि संगठन अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. इसके बिखरे हुए लड़ाके और छिपे हुए नेटवर्क अब भी खतरा बने हुए हैं. इराक और सीरिया में स्थिरता के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को लगातार सतर्क रहने और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट प्रयास करने की जरूरत है. यह घटना आतंक के खिलाफ जंग में एक बड़ी कामयाबी है, लेकिन लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई.