ब्रिटेन के नागरिकों को रूस के संभावित हमले के मद्देनजर '72 घंटे का सर्वाइवल किट' तैयार करने की सलाह दी गई है. इस चेतावनी के पीछे की वजह रूस द्वारा देश की महत्वपूर्ण गैस पाइपलाइन पर हमला करने की आशंका जताई जा रही है, जैसा कि उसने 2022 में जर्मनी के नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन पर किया था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन को अपनी गैस का लगभग 40% हिस्सा नॉर्वे से मिलता है और इसे लैंगेलेड नामक एक विशाल 700-मील पाइपलाइन के माध्यम से देश में आयात किया जाता है. यह विशालकाय पाइप नॉर्वे के गोसा द्वीप पर स्थित न्याम्ना गैस प्रसंस्करण संयंत्र से काउंटी डरहम में ईसिंगटन गैस टर्मिनल तक जाती है.
ब्रिटेन की गैस आपूर्ति की जीवन रेखा
हाल ही में एक रूसी जासूसी जहाज, यांटर, उत्तर सागर में ब्रिटेन की जलमग्न ऊर्जा संरचना की जासूसी करते हुए पाया गया था. यांटर नामक जहाज के बारे में रिपोर्ट्स हैं कि वह 20,000 फीट की गहराई तक पनडुब्बी भेजने में सक्षम है और उसमें पाइपलाइनों को उड़ा देने के लिए विस्फोटक भरे होते हैं. एक सूत्र ने कहा, "हम जानते हैं कि रूस उत्तर सागर में सक्रिय है और हमारे ऊर्जा लिंक को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखता है.
नागरिकों को आपातकालीन तैयारी की सलाह
यूके की सुरक्षा सेवाओं ने नागरिकों को आपातकालीन स्थिति के लिए एक 'सर्वाइवल किट' तैयार करने की सलाह दी है. इस किट में पानी, टिन में पैक खाद्य सामग्री, दवाइयां, बैटरी से चलने वाला रेडियो, टॉर्च, पहचान पत्र और स्विस आर्मी चाकू शामिल करने की सिफारिश की गई है. यूरोपीय संघ के सुरक्षा प्रमुख पहले ही अपने देशों को सलाह दे चुके हैं कि वे ऊर्जा हमलों के संभावित खतरे को देखते हुए तीन दिन का सर्वाइवल किट तैयार करें. हालांकि, अब ब्रिटेन को भी इसी दिशा में कदम बढ़ाने की सलाह दी जा रही है.
यूके की बढ़ती निर्भरता और जोखिम
ब्रिटेन अब नेट जीरो की ओर बढ़ते हुए अपनी घरेलू ऊर्जा आपूर्ति पर कम और विदेशी ऊर्जा स्रोतों पर ज्यादा निर्भर होता जा रहा है. हाल ही में, ब्रिटेन में यह निर्भरता उजागर हुई, जब पिछले सर्दियों में बिजली की किल्लत होने की आशंका जताई गई थी. डेनमार्क से बिजली लाने वाली एक हाई-वोल्टेज केबल को उन्हें रोकने के लिए जल्दी चालू करना पड़ा.
एक सूत्र ने कहा, "हम अब बिजली के आयात पर बड़े पैमाने पर निर्भर हैं और हम उन आयातों पर और अधिक निर्भर होने जा रहे हैं. एमआई5 के महानिदेशक ने पश्चिमी देशों में जीआरयू (रूस की सैन्य खुफिया सेवा) की चालों के बारे में चेतावनी दी है, जिसमें तोड़फोड़ या आगजनी शामिल है.
विशेषज्ञों का चिंता जताना: ऊर्जा आपूर्ति पर बढ़ती निर्भरता
रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट (RUSI) के वरिष्ठ शोधार्थी डॉ. सिद्धार्थ कौशल ने कहा, "ऊर्जा, विशेष रूप से गैस, एक गंभीर चिंता का विषय है. मैं नॉर्वे की लांगेलेड पाइपलाइन पर अत्यधिक निर्भरता को एक ऐसी विफलता के बिंदु के रूप में देखता हूं, जो पूरे सिस्टम को खतरे में डाल सकता है.