America: इस समय ईरान और अमेरिका के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. दरअसल, बीते रविवार को जॉर्डन में हुए ड्रोन हमले में कम से कम 3 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस हमले में अमेरिका के 2 दर्जन से ज्यादा सैनिक घायल भी हुए हैं. ये हमला सीरिया और जॉर्डन सीमा के पास जॉर्डन में 'टॉवर 22' नामक सैन्य चौकी पर हुआ था. इस घटने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने दुख जताते हुए कहा था कि ईरान समर्थित आतंकवादी समूहों ने इस हमले को अंजाम दिया है. वहीं, इस मामले पर जॉर्डन सरकार के प्रवक्ता की ओर से कहा गया कि हमला उनकी जमीन पर नहीं हुआ है. इस बीच अमेरिकी नेशनल सेक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि वह ईरान से युद्ध नहीं चाह रहे हैं. अब ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या अमेरिका जो खुद को दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति कहता है वो ईरान से डर गया?
ईरान के आतंकवादी समूहों को जिम्मेदार ठहराया
Last night, three U.S. service members were killed, and many wounded, during an unmanned aerial drone attack on our forces stationed in northeast Jordan near the Syria border.
— President Biden (@POTUS) January 28, 2024
Jill and I join the families and friends of our fallen in grieving the loss of these warriors in this…
कार्रवाई करने पर विचार
नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अमेरिका ईरान से युद्ध नहीं चाह रहा है. वो नहीं चाहते हैं कि सैन्य संघर्ष हो. सैन्य संघर्ष से तनाव बढ़ सकता है. उन्होंने कहा कि अमेरिका जवाब कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है.
अमेरिका करेगा जवाब कार्रवाई?
जॉर्डन में अमेरिकी सैनिकों की मौत को लेकर अमेरिकी प्रशासन सकते में आ गया है. हालांकि, सवाल ये उठता है कि आखिर अमेरिका कब कदम उठाएगा. एक तरफ वो कह रहा है कि वह ईरान से युद्ध नहीं चाहता है. दूसरी ओर कह रहा है कि हमलावरों को जवाब दिया जाएगा. हमले के लिए वह ईरान समर्थित आतंकवादी समूहों को जिम्मेदार भी बता रहा है.