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दुनिया के पहले समलैंगिक मुस्लिम इमाम की गोली मारकर की गई हत्या, सामने आया Video

सादिक लवॉल, जो नाइजीरिया में एक समलैंगिक मुस्लिम हैं, ने कहा कि हेंड्रिक्स ने जो किया वह संभवतः असंभव था, खासकर नाइजीरिया जैसे देश में जहां धार्मिक उग्रवाद अधिक है. उन्होंने "मैं एक समलैंगिक इमाम हूं" जैसे शब्दों के साथ कई समलैंगिक मुसलमानों को साहस दिया.

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दुनिया के पहले खुले तौर पर समलैंगिक इमाम, मुहसिन हेंड्रिक्स, की दक्षिण अफ्रीका में हत्या कर दी गई. वह 57 वर्ष के थे और उन्हें शनिवार सुबह उनके वाहन पर हमला करके गोली मारी गई. हेंड्रिक्स ने केप टाउन में एक मस्जिद चलाया था जो समलैंगिक और अन्य हाशिये पर रहने वाले मुसलमानों के लिए एक सुरक्षित स्थान था. यह घटना दक्षिण अफ्रीका के क़्वेबेरहा शहर के पास हुई, जब हेंड्रिक्स की कार को एक अज्ञात हमलावर ने घेर लिया और उस पर गोलियां चला दीं.

हत्यारे का हमला और उसकी जांच

पुलिस के अनुसार, दो अज्ञात हमलावरों ने अपने चेहरे ढककर हेंड्रिक्स की कार पर हमला किया. CCTV फुटेज के अनुसार, हमलावर ने कार के पीछे बैठे हेंड्रिक्स को निशाना बनाकर गोलियां चलाईं. मस्जिदुल घुर्बाह फाउंडेशन, जो हेंड्रिक्स द्वारा चलाए जाने वाले संगठन का हिस्सा था, ने उसकी मौत की पुष्टि की और इसे एक लक्षित हमला बताया. हालांकि पुलिस ने इस हमले को एक घृणा अपराध (हेट क्राइम) के रूप में देखने की संभावना जताई है, इस पर अभी भी पूरी जांच चल रही है.

समुदाय में शोक की लहर

हेंड्रिक्स की मौत ने न केवल समलैंगिक समुदाय बल्कि समूचे दुनिया भर में शोक की लहर पैदा कर दी है. इंटरनेशनल लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांस एंड इंटरसेक्स एसोसिएशन (ILGA) की कार्यकारी निदेशक जूलिया एर्ट ने इसे एक संभावित घृणा अपराध बताया और अधिकारियों से इसकी पूरी जांच करने की अपील की. उन्होंने कहा कि हेंड्रिक्स ने दुनिया भर में बहुत से लोगों को अपने विश्वास और लिंग पहचान के बीच सामंजस्य स्थापित करने में मदद की थी.

मुस्लिम समुदाय में परिवर्तन लाने वाला इमाम

मुहसिन हेंड्रिक्स ने 1996 में सार्वजनिक रूप से समलैंगिक होने का एलान किया था, जो उस समय केप टाउन और अन्य मुस्लिम समुदायों के लिए एक बड़ा झटका था. इसके बाद उन्होंने 'द इनर सर्कल' नामक एक संगठन की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य समलैंगिक मुसलमानों के लिए एक सुरक्षित स्थान प्रदान करना था. बाद में, उन्होंने मस्जिदुल घुर्बाह की स्थापना की, जो समलैंगिक और ट्रांसजेंडर मुसलमानों के लिए एक स्वागत योग्य जगह बन गई.

हेंड्रिक्स का योगदान और विचारधारा

हेंड्रिक्स ने हमेशा धार्मिक समावेशन, अंतरधार्मिक संवाद और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर जोर दिया. उनका कहना था, "धर्म को शत्रु के रूप में देखने की बजाय हमें इसे समझने की कोशिश करनी चाहिए." उन्होंने अपनी जिंदगी में हमेशा यह दिखाया कि एक व्यक्ति को अपने विश्वास और पहचान के साथ सच्चे रूप में जीने का अधिकार है, चाहे उसकी पहचान कुछ भी हो.

दुनिया भर में उनके योगदान को सराहा गया

हेंड्रिक्स की मृत्यु ने न केवल समलैंगिक मुसलमानों को प्रभावित किया बल्कि पूरी दुनिया में उनके योगदान की सराहना की गई. ब्रिटिश-नाइजीरियाई समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ता रेवरेन्ड जिदे माकॉले ने हेंड्रिक्स की बहादुरी को सलाम करते हुए कहा कि उनकी नेतृत्व क्षमता और धार्मिक समुदायों के बीच समावेशी विश्वास को बढ़ावा देने के लिए उनकी जो मेहनत थी, वह अनमोल है.