US News: अमेरिका के टेक्सस के रॉकवाल-हीथ हाई स्कूल के फुटबॉल कोच जॉन हारेल और उनके 12 सहायक कोचों के खिलाफ एक मां ने मुकदमा दायर किया है. इस मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि इन कोचों ने फुटबॉल खिलाड़ियों से एक घंटे के भीतर बिना पानी और आराम के करीब 400 पुश अप्स करने के लिए कहा, जिसके परिणामस्वरूप कई खिलाड़ियों को रैब्डोमायलोसिस (muscle breakdown) जैसी गंभीर मेडिकल समस्या हो गई. यह घटना 6 जनवरी, 2023 को हुई थी, और कोचों ने खिलाड़ियों को "हसल" न करने और यूनिफॉर्म की उल्लंघन के लिए सजा के तौर पर यह वर्कआउट कराया था.
इस कड़ी वर्कआउट के बाद 26 से ज्यादा खिलाड़ियों को रैब्डोमायलोसिस का शिकार होना पड़ा, जो कि मांसपेशियों के टूटने से उत्पन्न होता है, जिससे शरीर में हानिकारक पदार्थ रक्त में मिल जाते हैं. इस गंभीर स्थिति के कारण कई खिलाड़ी अस्पताल में भर्ती हुए, जिनमें से एक खिलाड़ी को सात दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ा.
वकील माइक सविकी, जिन्होंने पीड़ित के बेटे का प्रतिनिधित्व किया, ने इस चोट को जीवनभर के लिए प्रभाव डालने वाली और गंभीर बताया. उनका कहना था, "यह मामूली चोट नहीं थी, यह एक ऐसी स्थिति थी जो लंबे समय तक और जीवन को प्रभावित कर सकती थी." उन्होंने यह भी कहा कि अगर उपचार नहीं मिलता तो खिलाड़ी को किडनी की समस्या हो सकती थी, जो उसके स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक खतरनाक थी.
मुकदमे में यह भी आरोप लगाया गया है कि स्कूल के एथलेटिक डायरेक्टर ने कोचों को शारीरिक सजा के तौर पर इस तरह के वर्कआउट कराने से मना किया था, लेकिन कोचों ने फिर भी इन नियमों का उल्लंघन किया. वकील सविकी ने यह भी कहा कि इन कोचों का उद्देश्य खिलाड़ियों पर अनुशासन लाना था, लेकिन वे यह नहीं समझ पाए कि ये वर्कआउट्स कितने खतरनाक हो सकते हैं.
यह पहली बार नहीं है जब जॉन हारेल पर इस प्रकार के आरोप लगे हैं. इससे पहले भी उन्होंने ऐसे ही मामलों में दो बार अन्य माता-पिता से समझौता किया था. हालांकि इस बार आरोप 12 सहायक कोचों के खिलाफ भी लगाए गए हैं. आरोप है कि इन सहायक कोचों ने भी इस कड़ी वर्कआउट्स को लागू करने में मदद की, हालांकि उनके बारे में यह कहा गया है कि वे खिलाड़ियों के लिए संभावित खतरों से अनजान थे.
घटना के बाद स्कूल जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच की, जिसमें यह पाया गया कि कोचों ने खिलाड़ियों की चोटों को नजरअंदाज किया और यह संभावना जताई कि उनकी चोटों का कारण सप्लीमेंट्स हो सकते हैं. इसके बाद जॉन हारेल को प्रशासनिक अवकाश पर भेज दिया गया और दो महीने बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.