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तानाशाह किंग जोंग उन के डर से साउथ कोरिया में लगी इमरजेंसी? सच आया सामने

Why South Korea Imposed Emergency: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सूक येओल ने मार्शल लॉ की घोषणा की. उन्होंने विपक्षी दलों पर संसद को नियंत्रित करने, उत्तर कोरिया से सहानुभूति रखने तथा राज्य विरोधी गतिविधियों से सरकार को पंगु बनाने का आरोप लगाया है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Why South Korea Imposed Emergency
Courtesy: Social Media

Why South Korea Imposed Emergency:  साउथ कोरिया में हालात इन दिनों तनावपूर्ण बने हुए हैं. राष्ट्रपति यून सुक योल ने देश में "आपातकालीन मार्शल लॉ" लागू करने का ऐलान किया है. इसके पीछे उन्होंने नॉर्थ कोरिया के समर्थकों से लोकतांत्रिक व्यवस्था को बचाने की आवश्यकता बताई है. इस फैसले ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है और सरकार विरोधी प्रदर्शन तेज हो गए हैं. कई रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि साउथ कोरिया ने यह इमरजेंसी नार्थ कोरिया की वजह से लगाई है. हालांकि, इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी. 

राष्ट्रपति यून ने अपनी सार्वजनिक घोषणा में विपक्षी दलों पर कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां न केवल सरकार के कामकाज में बाधा डाल रही हैं, बल्कि वे नॉर्थ कोरिया के साथ सहानुभूति रखने का भी प्रयास कर रही हैं. यून ने विपक्ष पर संसद को नियंत्रित करने और "राज्य-विरोधी गतिविधियों" को बढ़ावा देने का आरोप लगाया.

क्या किम जोंग उन से डर गए राष्ट्रपति यून?

राष्ट्रपति यून ने आपातकालीन मॉर्शल ला लगाते हुए आरोप लगाया कि विपक्ष दुश्मन देश नार्थ कोरिया से सहानभूति रखने का प्रयास कर रहा है. इतना ही नहीं उन्होंने विपक्ष पर राज्य विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया. ऐसे में ये एंगल निकलकर सामने आ रहा है कि साउथ कोरिया को नॉर्थ कोरिया की वजह से इमरजेंसी लगानी पड़ी.

राष्ट्रपति यून सुक योल ने वादा किया कि वे संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे. उनकी इस घोषणा के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गए. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संसद भवन के बाहर झड़पें भी हुईं. प्रदर्शनकारियों ने मार्शल लॉ के फैसले को तानाशाही कदम बताया है.

सरकार और विपक्ष के बीच बढ़ा तनाव

2022 में सत्ता संभालने के बाद से यून लगातार अपनी पार्टी 'पीपल पावर पार्टी' (PPP) के एजेंडे को संसद में पास कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. विपक्षी पार्टी 'डेमोक्रेटिक पार्टी' संसद में बहुमत रखती है और दोनों दलों के बीच कई मुद्दों पर तनातनी चल रही है. ताजा विवाद अगले साल के बजट को लेकर है, जिस पर दोनों दल आम सहमति नहीं बना सके.

भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे राष्ट्रपति

यून सुक योल को विपक्षी पार्टियों की ओर से अपनी पत्नी और शीर्ष अधिकारियों से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों की स्वतंत्र जांच की मांग को खारिज करने पर भी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. यून के इस कदम ने विपक्ष के साथ तनाव को और बढ़ा दिया है.

मार्शल लॉ की घोषणा के तुरंत बाद 'डेमोक्रेटिक पार्टी' ने अपने सांसदों की आपातकालीन बैठक बुलाई. पार्टी ने इस कदम को अलोकतांत्रिक करार देते हुए राष्ट्रपति के फैसले का विरोध किया.