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'सुपर बाउल' रिंग जिसे पाने के लिए चोर तक बन गए थे रूस के राष्ट्रपति पुतिन, बोले- इसके लिए किसी की हत्या भी कर सकता हूं

2005 में न्यू इंग्लैंड पैट्रियट्स के मालिक, रॉबर्ट क्राफ्ट, एक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधिमंडल के साथ रूस गए थे. उस दौरान उन्होंने अपनी टीम की 2005 सुपर बाउल XXXIX जीत की रिंग को अपने साथ रखा. यह रिंग काफी कीमती थी और रॉबर्ट ने सोचा कि वह पुतिन को यह रिंग दिखा सकते हैं. जब वह पुतिन के पास रिंग लेकर पहुंचे, तो उन्होंने रिंग पहनने के बाद कहा, "मैं इस रिंग से किसी को मार सकता हूं."

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Edited By: Sagar Bhardwaj
why Russian President Vladimir Putin become thief for Super Bowl Ring

सुपर बाउल रिंग एक बहुत ही कीमती और प्रतिष्ठित पुरस्कार है जिसे हर एनएफएल खिलाड़ी सपना देखता है. ये रिंग सिर्फ एक जीत का प्रतीक नहीं होती, बल्कि यह दिखाती है कि खिलाड़ी और टीम ने कितनी मेहनत और संघर्ष के साथ यह खिताब जीता है. लेकिन जब बात आती है रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की, तो उनकी कहानी कुछ अलग ही है. उन्होंने इस सुपर बाउल रिंग को जीता नहीं है बल्कि वह एक रिंग चुराने के लिए कुख्यात हो गए. आइए जानते हैं कि कैसे पुतिन ने न्यू इंग्लैंड पैट्रियट्स के मालिक से सुपर बाउल रिंग ले ली और उस पर अपनी टिप्पणी दी.

2005 में हुआ सुपर बाउल रिंग का चोरी का कांड
2005 में न्यू इंग्लैंड पैट्रियट्स के मालिक, रॉबर्ट क्राफ्ट, एक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधिमंडल के साथ रूस गए थे. उस दौरान उन्होंने अपनी टीम की 2005 सुपर बाउल XXXIX जीत की रिंग को अपने साथ रखा. यह रिंग काफी कीमती थी और रॉबर्ट ने सोचा कि वह पुतिन को यह रिंग दिखा सकते हैं. जब वह पुतिन के पास रिंग लेकर पहुंचे, तो उन्होंने रिंग पहनने के बाद कहा, "मैं इस रिंग से किसी को मार सकता हूं." यह सुनकर क्राफ्ट ने अपना हाथ बढ़ाया, लेकिन पुतिन ने रिंग को अपनी जेब में डाल लिया और उनके साथ तीन KGB एजेंट ने आकर उन्हें घेरे में ले लिया.

रिंग की वापसी का असफल प्रयास
हालांकि पुतिन ने रिंग चुरा ली, रॉबर्ट क्राफ्ट को यह स्वीकार नहीं था. वह उस रिंग को वापस पाने के लिए बहुत ही संजीदा थे, लेकिन जल्द ही व्हाइट हाउस से एक कॉल आई और उन्हें यह सलाह दी गई कि सुपर बाउल रिंग के लिए दुनिया भर में युद्ध शुरू करना शायद सबसे अच्छा विचार नहीं होगा. व्हाइट हाउस ने कहा, "अगर आप इसे उपहार के रूप में देना चाहते हैं, तो यह अमेरिकी-रूसी संबंधों के लिए सबसे अच्छा रहेगा."

यह सुनकर क्राफ्ट ने एक बयान जारी किया और कहा कि यह रिंग अब रूस को एक उपहार के रूप में दी गई है. उन्होंने कहा, "मैंने इसे रूस के लोगों और राष्ट्रपति पुतिन के नेतृत्व के प्रति सम्मान और प्रशंसा के प्रतीक के रूप में दिया है."

पुतिन ने चुराई नहीं थी रिंग
पुतिन ने बाद में यह बयान दिया कि उन्होंने रिंग चुराई नहीं थी. हालांकि, बाद में वह रिंग क्रेमलिन में प्रदर्शित होने लगी और रूस के उपहारों में शामिल हो गई. पुतिन के प्रवक्ता, दिमित्री पेसकोव ने 2013 में कहा, "2005 में मैं राष्ट्रपति के पीछे खड़ा था और मैंने देखा कि यह रिंग उन्हें प्रस्तुत की गई थी. इस बारे में किसी प्रकार के दबाव के आरोप केवल मानसिक चिकित्सकों से बात करने का विषय हैं." पेसकोव ने यह भी कहा कि पुतिन क्राफ्ट को एक और रिंग खरीद कर उपहार देंगे.

एक हास्यपूर्ण कहानी?
हालांकि इस घटना ने मीडिया में काफी हलचल मचाई, क्राफ्ट ने इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने कहा कि यह एक मजेदार और यादगार कहानी है, जिसे वह हंसी में बताना पसंद करते हैं. उनका यह भी कहना था कि उन्हें खुशी है कि उनकी रिंग क्रेमलिन में रखी हुई है और वह रूस के प्रति अपना सम्मान बनाए रखते हैं.