कभी सोचा है कि किसी देश में सिर्फ एक जैसे सरनेम के लोग रहते हों. जापान में ये सोच हकीकत बनने जा रही है. अगर शादी से जुड़ा एक कानून जापान नहीं बदलता है तो अगले आने वाले 500 साल बात जापान के लोगों का सिर्फ एक ही सरनेम होगा. यह नाम और कुछ नहीं बल्कि 'सातो' होगा.
जापान में शादी से जुड़ा एक ऐसा कानून है कि जो शादीशुदा लोगों को एक ही सरनेम चुनने के लिए बाध्य करता है. जापान का सिविल कोड साल 1800 में बना था. तब से लेकर अब तक इसमें कोई बड़े बदलाव नहीं हुए हैं.
जापान की तोहकू विश्वविद्यालय (Tohoku University) के प्रोफेसर होरिशी योशिदा ने कमाल की स्टडी की है. उन्होंने अनुमान लगाया है कि अगर जापान शादीशुदा जोड़ों को एक ही सरनेम अपनाने के लिए बाध्य करता है तो जापान का हर शख्स का सरनेम सन 2531 तक 'Sto-San' होगा.
पहले लोगों ने समझा रिपोर्ट को मजाक
प्रोफेसर योशिदा ने चिंता जताई है कि अगर सभी का सरनेम एक हुआ तो सबको नंबर से बुलाना पड़ेगा. अगर ऐसा हुआ तो जापान रहने लायक जगह नहीं रह जाएगी. कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने इस स्टडी का गलत आंकलन किया है. प्रोफेसर यशीदो ने कहा कि कुछ लोगों ने कहा है कि ये रिपोर्ट अप्रैल फूल बनाने के लिए प्रकाशित हुई है लेकिन ऐसा नहीं है.
लोग रख रहे हैं Sato सरनेम
द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रोफेसर योशिदा ने कहा कि यह न केवल असुविधाजनक होगा बल्कि किसी के आत्मसम्मन के लिए भी खिलाफ होगा. योशिदा कहते हैं कि साल 2022 से लेकर 2023 के बीच Sato सरनेम रखने के आंकड़े भी तेजी से बढ़े हैं.
मैरिज लॉ से परेशान हैं जापान के लोग
स्टडी के मुताबिक जापान में करीब 95 फीसदी महिलाएं ही शादी के बाद अपना सरनेम बदलती हैं. जापान में इस कानून को बदलने की एक अरसे से मांग हो रही है. अभी तक इसे लेकर सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.