Dual Citizenship के बहाने क्या लालच देना चाहता है इंडोनेशिया? आखिर क्यों सता रहा है डर

Indonesia News: इंडोनेशियाई सरकार दोहरी नागरिकता के मसौदे को लाने पर विचार कर रही है. इसके माध्यम से देश में कुशल कामगारों को आकर्षित करने की योजना बनाई गई है.

India Daily Live

Indonesia News: इंडोनेशिया अपने देश में कुशल कामगारों की संख्या को लेकर चिंतित है. इस चिंता से निपटने के लिए उसके मंत्रियों ने Dual Citizenship का रास्ता निकाला है. एक सीनियर कैबिनेट मंत्री ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि वह देश में कुशल कामगारों को लुभाने के लिए नई नीति पर काम कर रहे हैं. इस नीति के तहत इंडोनेशियाई मूल के नागरिकों को दोहरी नागरिकता प्रदान की जाएगी. 

इंडोनेशियाई में दोहरी नागरिकता का प्रावधान नही है. इंडोनेशियाई कानून के मुताबिक, दो पासपोर्ट रखने वाला कोई भी बच्चा 18 साल की आयु होने पर किसी एक को चुनने के लिए बाध्य है. इंडोनेशिया के वरिष्ट कैबिनेट मंत्री लुहुट पैंडजैटान ने कहा कि सरकार विदेशों में रहने वाले इंडोनेशियाई मूल के नागरिकों को दोहरी नागरिकता देने के मसौदे पर विचार कर रही है. यह नियम कब लागू होगा और कैसे इस पर अमल होगा के बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने ज्यादा विवरण देने से मना कर दिया.

लुहुट माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला के प्रोग्राम में उनसे पहले बोल रहे थे. माइक्रोसॉफ्ट ने 1.7 बिलियन डॉलर का जकार्ता में निवेश करने की योजना बनाई है.उन्होंने कहा कि हमें कुशल इंडोनेशियाई प्रवासी नागरिकों की जरूरत है. हम उन्हें जल्दी ही दोहरी नागरिकता का विकल्प प्रदान करने जा रहे हैं. इस कदम से हमारी उत्पादकता में वृद्धि होगी.

2019 से 2022 के बीच में इंडोनेशियाई नागरिकों की बड़ी संख्या में देश छोड़ा है और अन्य देशों की नागरिकता ग्रहण की है. इंडोनेशिया के आप्रवासन निदेशालय की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 से 2022 के बीच अकेले सिंगापुर की ही 4000 इंडोनेशियाई लोगों ने नागरिकता ग्रहण की है. इंडोनेशिया में इससे पहले दोहरी नागरिकता के मसले पर काफी विवाद हो चुका है. साल 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति जोको विडोडो ने उर्जा मंत्री और खनन मंत्री को कैबिनेट से निकाल दिया था. इनके पास अमेरिकी पासपोर्ट होने की बात सामने आई थी.