Ibrahim Raisi Buried: हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हुए ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को गुरुवार को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. उन्हें एक सोने के गुंबद वाली दरगाह में दफनाया गया. इस दरगाह को इमाम रजा दरगाह पुकारा जाता है. शिया मुसलमान इसे बहुत पवित्र मानते हैं. ये शिया पंथ के अनुयायियों के लिए सबसे बड़ी मस्जिद है. इसको लेकर सदियों से बड़ी आस्था बनी हुई है.
बता दें इब्राहिम रईसी का हेलिकॉप्टर 19 मई को अजरबैजान की सीमा के पास क्रैश हो गया था. पहाड़ी इलाका होने के कारण यहां कोहरे और तेज सर्दी का मौसम बना हुआ था. इसी कारण सर्च ऑपरेशन में काफी मिस्किल हुई थी. सोमवार सुबह पहाड़ियों में हेलिकॉप्टर का मलबा मिला था. इसके बाद के मौत की पुष्टि हुई थी.
जिस सोने के गुंबद वाली दरगाह में इब्राहिम रईसी को सुपुर्द-ए-खाक किया गया इसी में शिया इस्लाम के आठवें इमाम अली-अल-रिदा को भी सुपुर्द-ए-खाक किया गया था. पैगंबर मोहम्मद से जुड़ी एक हदीस के मुताबिक दुख या पाप से ग्रस्त व्यक्ति को यहां आने से मुक्ति मिलती है. उसके पापों को खुदा माफ कर देता है.
सबसे बड़ी बात है कि इब्राहिम रईसी ईरान के पहले नेता हैं, जिन्हें पवित्र दरगाह में दफनाया गया है. उनसे पहले यहां एक सरकारी अधिकारी को 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद इस दरगाह में दफनाया गया था. उनसे भी पहले 1978 में ईरान के प्रधानमंत्री असदुल्ला आलम और हाल ही में 2021 मिलिट्री कमांडर हसन फिरोजाबादी को इसी दरगाह में दफन किया गया था.
पहले इब्राहिम रईसी इस मस्जिद की देखरेख करते थे. कई साल तक वो दरगाह और उसके एक चैरिटी फाउंडेशन की देखरेख के लिए नियुक्त हुए थे. अब ऐसा मौका आया की वो इस दरगाह में दफन हो गए.
इब्राहिम रईसी की अंतिम संस्कार में 62 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. भारत से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ वहां पहुंचे थे. इसके अलावा उनकी अंतिम यात्रा में करीब 30 लाख लोग शामिल हुए. उन्होंने दुख में काले कपड़े पहने थे. इब्राहिम रईसी की मौत के बाद देश में 5 दिन और भारत, पाकिस्तान जैसे कई देशों में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया था.
इब्राहिम रईसी के साथ ही इस घटना में विदेश मंत्री आमिर अब्दुल्लाहियान भी मारे गए हैं. इस हादसे के बाद ईरान सदमे में है. अब 28 जून को देश में नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव का आयोजन होना है.