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39 मरे, 360 घायल, क्यों इतना हिंसक हो गया केन्या का टैक्स के खिलाफ आंदोलन?

केन्या में नई कर नीति के खिलाफ विरोधी प्रदर्शन में अब तक 39 लोगों की जान चली गई है. वहीं 361 लोग घायल हैं. केन्या नेशनल कमीशन ऑन ह्यूमन राइट्स ने इस विरोध प्रदर्शन में मरने वालों की संख्या बताई है, जिसके बाद भारत ने भी केन्या में रह रहे अपने नागरिक के खिलाफ एक एडवाइजरी जारी की है. इस हिंसक प्रदर्शन से राष्ट्रपति विलियम रूटो की सरकार के सामने ये सबसे बड़ी चुनौती बन गई है.

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 Kenya Anti-Tax Protests
Courtesy: SOCIAL MEDIA

केन्या में नई कर वृद्धि के खिलाफ सरकार विरोधी प्रदर्शनों में अब तक 39 लोगों की जान चली गई है. न्यूज एजेंसी एनआई के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने केन्या में इस सप्ताह एक नए दौर के विरोध प्रदर्शन के लिए कमर कस ली है. केन्या नेशनल कमीशन ऑन ह्यूमन राइट्स (KNCHR) के रिकार्ड के मुताबिक केन्या में देशव्यापी कर कानून के विरोध प्रदर्शनों के संबंध में 39 लोग मारे गए हैं और 361 घायल हुए हैं. अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार जबरन गायब होने के 32 मामले दर्ज हुए हैं. वहीं 627 प्रदर्शनकारियों की इसमें गिरफ्तारियां भी हुई है. 

किस बिल के कारण मचा बवाल?

बता दें कि केन्या में सरकार द्वारा नए टैक्स लगाने से जनता काफी गुस्से में है. केन्या में मई Kenya Finance Bill 2024 पेश किया गया. जिसमें ब्रेड, कैंसर ट्रीटमेंट, कुकिंग ऑयल, बच्चों का डायपर से सैनेटरी पैड, मोटर वाहन, सोलर उपकरण से लेकर डिजिटल सर्विस से जुड़े प्रोडक्ट्स पर भारी-भरकम टैक्स लगाने का प्रस्ताव है. इसमें ब्रेड पर 16% सेल्स टैक्स, कुकिंग ऑयल पर 25 % टैक्स, मोटर व्हीकल पर 2.5% वैट और इंपोर्ट ड्यूटी को 3% का प्रस्ताव है. 

आक्रोशित भीड़ ने संसद में लगा दी आग

वहीं इस बिल पर केन्या के संसद में मौजूद सभी सांसदों ने इसका समर्थन किया है. उनका मानना है कि यह सरकारी कामों को पूरा करने के लिए जरूरी है. रेवेन्यू बढ़ाने पर होने वाली कमाई के जरिए सरकार देश में सड़कों का निर्माण, स्कूलों में टीचर्स को हायर कर सकेगी. वहीं किसानों को फर्टिलाइजर के लिए सब्सिडि मिल जाएगी. इससे देश पर कर्ज कम हो जाएगा.

उसके बाद इस बिल को लेकर संसद में वोटिंग हुई, जिसमें करीब 195 में से 106 सांसदों ने इसके पक्ष में वोट किया. जिसके बाद पूरे इलाके में प्रदर्शन शुरू हो गया. जिस समय सदन के अंदर सांसद बिल पर चर्च कर रहे थे, उसी समय आक्रोशित भीड़ ने संसद में आग लगा दी. इसके बाद सांसदों को संसद भवन से सुरक्षित निकाला गया. 

राष्ट्रपति विलियम रूटो के सामने संकट 

केन्या में हो रहे इस विरोध प्रदर्शन से वहां के मौजूदा राष्ट्रपति विलियम रूटो की सरकार के सामने ये सबसे गंभीर संकट है क्योंकि उन्होंने सिंतबर 2022 में एक ऐसे देश में गहरे विभाजनकारी चुनाव के बाद पदभार संभाला था, जिसे अक्सर अशांत क्षेत्र में स्थिरता का प्रतीक माना जाता है. 

भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी

केन्या में 80 हजार से 1 लाख तक भारतीय रहते हैं. हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच भारतीयों के लिए सरकार ने एडवाइजरी जारी की है. भारतीय दूतावास की तरफ से कहा गया है कि वे बेवजह घर से बाहर न निकलें और हिंसा वाली जगहों से दूर रहें. साथ ही लगातार दूतावास के संपर्क में रहें.