भारत अमेरिका की जगह क्यों रूस से क्यों खरीदता है दुश्मन के दात खट्टे करने वाले हथियार, रूसी राजदूत का चौंकाने खुलासा
रूसी राजदूत अलीपोव ने भारत और रूस के बीच रक्षा साझेदारी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दोनों देशों का सहयोग लंबे समय से चला आ रहा है. उन्होंने कहा, "भारत रूस सहित सभी पक्षों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है.
भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने हाल ही में सीएनएन-न्यूज18 से बातचीत के दौरान कहा कि अमेरिकी हथियारों की कीमतें रूसी उत्पादों की तुलना में काफी अधिक हैं, जबकि रूस के रक्षा उपकरण उच्च गुणवत्ता वाले और किफायती हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी राजदूत अलीपोव ने कहा, "ये साफ है कि अमेरिकी हथियार रूसी उत्पादों की तुलना में बहुत अधिक महंगे हैं. ऐसे में रूस और यूक्रेन के बीच मौजूदा संघर्ष ने हमारे उत्पादों की उच्च गुणवत्ता को दिखाया है, जबकि विमान, ड्रोन और अन्य सैन्य उपकरणों की कीमतें हमारे देश में अपेक्षाकृत कम हैं.
भारत-रूस रक्षा सहयोग की मजबूत स्थिति
रूसी राजदूत अलीपोव ने भारत और रूस के बीच रक्षा साझेदारी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दोनों देशों का सहयोग लंबे समय से चला आ रहा है. उन्होंने कहा, "भारत रूस सहित सभी पक्षों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है. भारतीय बाजार बेहद प्रतिस्पर्धी है.
उन्होंने यह भी बताया कि मेक इन इंडिया पहल से पहले ही रूस और भारत के बीच संयुक्त उत्पादन और तकनीकी हस्तांतरण की मजबूत नींव रखी जा चुकी थी. उन्होंने कहा, "हम इस बाजार में सक्रिय रूप से मौजूद हैं और प्रतिस्पर्धा के लिए पूरी तरह तैयार हैं. भारतीय रक्षा बाजारों में हमारी स्थिति बहुत मजबूत बनी हुई है.
रूस भारत का सबसे बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्ता
बता दें कि, रूस, भारत के लिए एक प्रमुख रक्षा साझेदार बना हुआ है. ऐसे में अब तक 80 अरब डॉलर से अधिक की सैन्य आपूर्ति कर चुका है. जहां दोनों देशों के बीच हथियारों, तकनीक और सैन्य उपकरणों के क्षेत्र में गहरा सहयोग है, जो भविष्य में और ज्यादा बढ़ने की संभावना है.