ग्रीनलैंड पर क्यों कब्जा करना चाहते हैं डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के लिए क्यों है जरूरी? जानें क्या कहता है नियम

आज के समय में, किसी देश का "बेचना" बहुत जटिल प्रक्रिया है, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय कानूनों में स्व-निर्णय (Self-determination) की अवधारणा महत्वपूर्ण है. संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुच्छेद 1 में इसका उल्लेख है, जिसके अनुसार प्रत्येक देश को अपने भविष्य का निर्धारण करने का अधिकार है.

20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे हैं. इसी के साथ ट्रंप की ग्रीनलैंड को खरीदने की मंशा पर फिर से चर्चा देत हो गई है. इससे पहले उन्होंने राष्ट्रपति रहते हुए कहा था कि उनका ग्रीनलैंड को खरीदने का विचार है और उन्होंने इसे एक रणनीतिक संपत्ति के रूप में देखा था. क्या उनका यह सपना कभी पूरा हो सकता है? क्या अंतर्राष्ट्रीय नियम और कानून इसे संभव बनाते हैं? और अमेरिका के लिए ग्रीनलैंड इतना जरूरी क्यों है, आइए जानते हैं...

ग्रीनलैंड को क्यों खरीदना चाहते हैं डोनाल्ड ट्रंप?
ट्रंप का ग्रीनलैंड को लेकर यह रुझान नया नहीं है. पहले भी उन्होंने इस द्वीप को अमेरिका के कब्जे में लाने की कोशिश की थी. ट्रंप का मानना था कि यह एक बड़ा रियल एस्टेट सौदा हो सकता है, जो अमेरिका के लिए बेहद फायदे का सौदा हो सकता है, इसके पीछे कई कारण हैं...

1. राष्ट्रीय सुरक्षा
ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में ग्रीनलैंड को अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक बताया था. उनका कहना था कि यह अमेरिका को यूरोप के करीब लाएगा, जिससे वह रूस और चीन जैसी देशों की गतिविधियों पर नजर रख सकेगा.

2. व्यापारिक मार्ग
ग्रीनलैंड आर्कटिक समुद्र मार्ग पर स्थित है, जो एक छोटा और अधिक प्रभावी समुद्री मार्ग प्रदान करता है. गर्मी के मौसम में यह मार्ग अमेरिकी शिपिंग के लिए सहायक हो सकता है, खासकर जब रूस और चीन इसे अपने फायदे के लिए विकसित करने की योजना बना रहे हैं.

3. खनिज संसाधन
ग्रीनलैंड में विभिन्न खनिज संसाधन जैसे लिथियम, कोबाल्ट, और तांबा पाए जाते हैं, जो बैटरियों और इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में महत्वपूर्ण होते हैं. ट्रंप ने इसे भी एक बड़ा आर्थिक अवसर माना.

क्या ट्रंप ग्रीनलैंड को खरीद सकते हैं?
ग्रीनलैंड के स्वामित्व की बात करने से पहले, यह जानना जरूरी है कि अमेरिका ने आखिरी बार किसी देश को 1917 में खरीदा था, जब उसने डैनिश वेस्ट इंडीज (अब यूएस वर्जिन आइलैंड्स) को 25 मिलियन डॉलर में खरीदा था. हालांकि, ग्रीनलैंड को खरीदने की बात फिर से एक सिरे चढ़ती हुई दिखी.

लेकिन ग्रीनलैंड और डेनमार्क के बीच इतिहास में कई बार इस तरह के प्रस्ताव असफल रहे हैं. 1867 और 1902 में अमेरिका ने ग्रीनलैंड को खरीदने के प्रयास किए थे, लेकिन सफल नहीं हो पाए. ट्रंप के बयान ने फिर से इस मुद्दे को प्रमुखता दी.

अंतर्राष्ट्रीय कानून और स्वायत्तता का सवाल
आज के समय में, किसी देश का "बेचना" बहुत जटिल प्रक्रिया है, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय कानूनों में स्व-निर्णय (Self-determination) की अवधारणा महत्वपूर्ण है. संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुच्छेद 1 में इसका उल्लेख है, जिसके अनुसार प्रत्येक देश को अपने भविष्य का निर्धारण करने का अधिकार है.

ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट एगेडे और डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन दोनों ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि ग्रीनलैंड "बेचने" के लिए नहीं है. एगेडे ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, "ग्रीनलैंड ग्रीनलैंड के लोगों का है, और हमारा भविष्य हमारे ही हाथ में है."

क्या ग्रीनलैंड स्वतंत्र हो सकता है?
ग्रीनलैंड में स्वतंत्रता की भावना धीरे-धीरे बढ़ रही है. 3 जनवरी को एगेडे ने कहा था कि ग्रीनलैंड के लोगों को अपनी किस्मत खुद तय करने का अधिकार है. अगर ग्रीनलैंड स्वतंत्रता की दिशा में कदम बढ़ाता है, तो यह अमेरिका से संधि करने का विकल्प चुन सकता है, लेकिन डेनमार्क की भूमिका समाप्त हो जाएगी.

हालांकि, ग्रीनलैंड के लिए पूर्ण स्वतंत्रता का मतलब वित्तीय चुनौतियां भी हो सकती हैं. डेनमार्क वर्तमान में ग्रीनलैंड को 521 मिलियन डॉलर की वार्षिक ग्रांट प्रदान करता है, जो ग्रीनलैंड के बजट का लगभग दो तिहाई है.

क्या होगा आगे?
ग्रीनलैंड की स्थिति और उसकी स्वतंत्रता पर चल रही बहस से यह साफ है कि ट्रंप का सपना ग्रीनलैंड को "खरीदने" का एक जटिल और विवादास्पद विषय है. जहां एक ओर ग्रीनलैंड के लोग और डेनमार्क इसके खिलाफ हैं, वहीं दूसरी ओर अमेरिका को इसमें एक महत्वपूर्ण आर्थिक और रणनीतिक मौका नजर आता है.

किसी भी स्थिति में, यह मुद्दा केवल ग्रीनलैंड और डेनमार्क के बीच ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और कानूनों के संदर्भ में भी बहुत महत्वपूर्ण बनता है. अंततः, चाहे ट्रंप का सपना पूरा हो या नहीं, ग्रीनलैंड का भविष्य उसके लोगों के हाथों में है, और यह उनका अधिकार है कि वे अपनी स्वतंत्रता और सहयोगी देशों का चयन करें.