Russia Ukraine War: अमेरिका और यूक्रेन सऊदी अरब में रूस के साथ युद्ध समाप्त करने पर बातचीत क्यों कर रहे हैं?

फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के बीच तनावपूर्ण टकराव के बाद, अमेरिका और यूक्रेन रूस के साथ युद्ध को खत्म करने पर चर्चा करने के लिए सऊदी अरब में बातचीत करेंगे. जेद्दाह को क्यों चुना गया?

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Russia Ukraine War:  अमेरिका और यूक्रेन के प्रतिनिधि आगामी मंगलवार (11 मार्च) को सऊदी अरब में बातचीत करने के लिए तैयार हैं, जिसका मुख्य मकसद रूस के साथ चल रहे युद्ध को खत्म करने की दिशा में कदम उठाना है. यह बैठक फरवरी 28 को व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुए विवादास्पद मुलाकात के बाद हो रही है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह पहली बार होगा जब दोनों देशों के अधिकारी इस मुलाकात में मिलेंगे. इस बातचीत के दौरान दो मुख्य मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है. जिसमें एक द्विपक्षीय खनिज समझौता और रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को समाप्त करने के प्रयास शामलि हैं.

अमेरिका-यूक्रेन के बीच तनाव

व्हाइट हाउस में दोनों राष्ट्रपतियों के बीच तीखी बहस के बाद, वाशिंगटन और कीव के बीच तनाव बढ़ गया था. इस घटना के बाद, अमेरिका ने यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद को रोक दिया और खुफिया जानकारी शेयर करने पर भी रोक लगा दी. इसके अतिरिक्त, रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप प्रशासन यूक्रेन के 2,40,000 शरणार्थियों की कानूनी स्थिति को रद्द करने पर विचार कर रहा है, जो रूस के आक्रमण से बचकर अमेरिका में आए थे, जिससे उन्हें निर्वासन का खतरा हो सकता है.

रूस-यूक्रेन बातचीत में जेलेंस्की की क्या है भूमिका

इस बातचीत से पहले, राष्ट्रपति जेलेंस्की सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात करेंगे. हालांकि, जेलेंस्की को बातचीत में औपचारिक भूमिका निभाने की उम्मीद नहीं है, लेकिन यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल में उनके प्रमुख सहयोगी— चीफ ऑफ स्टाफ आंद्रेई येरमक, विदेश मंत्री आंद्रेई सिबीहा और रक्षा मंत्री रुस्तम उमेरोव— वार्ता में यूक्रेन का प्रतिनिधित्व करेंगे.

अमेरिकी पक्ष का नेतृत्व अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो करेंगे, जो क्राउन प्रिंस से भी मुलाकात करेंगे. सिबीहा ने रुबियो के साथ वार्ता से पहले इसे "रचनात्मक" बताया.

सऊदी अरब का मध्यस्थ के रूप में महत्वपूर्ण स्थान

सऊदी अरब ने पहले भी कई वैश्विक संघर्षों में मध्यस्थता की भूमिका निभाई है. सऊदी सरकार ने 2018 में रूस और यूक्रेन के बीच हुए कैदी आदान-प्रदान की मध्यस्थता की थी. इसके अलावा हाल ही में उसने यूएस-रूस वार्ता भी आयोजित की थी. सऊदी अरब का तेल और सुरक्षा के मामलों में प्रभावशाली स्थान है, और इसका राजनीतिक नियंत्रण और गोपनीयता इसे एक बेहतर मध्यस्थ बनाता है.

सऊदी अरब का राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव

सऊदी अरब की अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता की भूमिका उसकी बढ़ती कूटनीतिक शक्ति को दर्शाती है. यह देश वाशिंगटन, मास्को, कीव और बीजिंग के साथ रिश्ते बनाए रखते हुए वैश्विक शक्ति केंद्रों के बीच एक पुल का काम करता है. इसके अलावा, सऊदी अरब की रणनीतिक साझेदारी और OPEC+ के माध्यम से रूस के साथ संबंध, मध्य पूर्व और सुन्नी मुस्लिम दुनिया में उसकी स्थिति को मजबूत करती है.