राफा शहर में एक रिटायर्ड आर्मी अफसर की मौत हो गई है. राफा क्षेत्र से खान यूनिस इलाके में एक वाहन से अस्पताल जाते समय मारे गए भारतीय नागरिक की पहचान पूर्व सेना के जवान अनिल वैभव काले के रूप में की गई है. सोमवार की सुबह संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा एवं संरक्षा विभाग के अन्य कर्मचारियों के साथ वैभव यूरोपियन अस्पताल जा रहे थे तभी हमले की चपेट में आ गए.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि गाजा में संघर्ष का भारी असर जारी है न केवल नागरिकों पर बल्कि मानवीय कार्यकर्ताओं पर भी. महासचिव ने तत्काल मानवीय युद्धविराम और सभी बंधकों की रिहाई के लिए अपनी तत्काल अपील दोहराई है.
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने कहा कि काले एक महीने पहले गाजा में सुरक्षा सेवा समन्वयक के रूप में संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुए थे. संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र के रूप में चिह्नित वाहन में यात्रा कर रहा था. संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी निश्चित नहीं हैं कि उस वाहन पर किसने गोलीबारी की जिसमें काले एक अन्य संयुक्त राष्ट्र सहायता कर्मी के साथ यात्रा कर रहा था. यह पहली बार है जब गाजा में चल रहे युद्ध में किसी भारतीय की मौत हुई है.
कौन थे राफा में शहीद हुए वैभव काले?
वैभव काले कश्मीर में जम्मू-कश्मीर राइफल्स की कमान संभाल चुके हैं. वो कई आतंकी अभियान में हिस्सा रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक वैभव काले अकादमी में 97वें कोर्स के 'नवंबर' स्क्वाड्रन से थे. वह 1999 में एनडीए से पासआउट हुए थे. रिटायर्ड कर्नल अनिल काले भारतीय सेना में 1998 में शामिल हुए थे. उन्होंने 2009 और 2010 के बीच संयुक्त राष्ट्र में आकस्मिक मुख्य सुरक्षा अधिकारी के रूप में भी काम किया था.
कर्नल वैभव अनिल काले ने भारतीय सेना से 2022 में VRS ले लिया था. वह दो महीने पहले संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा एवं संरक्षा विभाग (UNDSS) में सुरक्षा समन्वय अधिकारी नियुक्त किए गए थे. अपने पीछे वह पत्नी अमृता और दो बच्चों को छोड़ गए हैं. सेना ने रिटायरमेंट लेने के बाद वह अपने परिवार के साथ पुणे में रहने लगे थे.
इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) ने कहा कि वह गोलीबारी और संयुक्त राष्ट्र सहायता कर्मी की मौत की जांच कर रहा है. हमला सक्रिय युद्ध क्षेत्र में हुआ. काले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा एवं संरक्षा विभाग (डीएसएस) के स्टाफ सदस्य और पूर्व भारतीय सेना कर्मी थे.