Who was Safieddin: हिजबुल्लाह के नए संभावित चीफ सफीद्दीन को भी इजराइल ने ढेर कर दिया है. इजराइली मीडिया की ओर से इसका दावा किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, नसरल्लाह के संभावित उत्तराधिकारी हाशिम सफीउद्दीन को इजरायली हमले में निशाना बनाया गया है.
रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बेरूत में इजरायली हमले में हिजबुल्लाह से सीनियर नेता हाशम सफीउद्दीन को निशाना बनाया गया, जिसे ईरान समर्थित आतंकवादी समूह का नेतृत्व करने के लिए मारे गए हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह का उत्तराधिकारी माना जा रहा था.
हालांकि, इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) या लेबनान स्थित हिजबुल्लाह की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. द न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार, गुरुवार को आधी रात को इजरायल ने बेरूत पर ताबड़तोड़ हवाई हमले किए. कहा जा रहा है कि हमलों के दौरान सफीद्दीन एक अंडरग्राउंड बंकर में हिजबुल्लाह से सीनियर नेताओं के साथ बैठक कर रहा था.
हिजबुल्लाह का नया संभावित चीफ हाशेम सफीद्दीन, हिजबुल्लाह के पूर्व चीफ हसन नसरल्लाह का चचेरा भाई था. सफीद्दीन की उम्र 50 से 60 के बीच आंकी गई है. अमेरिका और सऊदी अरब ने 2017 में सफीद्दीन को आतंकी घोषित किया था.
माना जाता है कि हिजबुल्लाह का नया संभावित चीफ सफीद्दीन का ईरान से घनिष्ठ संबंध है. उसने ईरान के कोम में पढ़ाई की थी और उसकी शादी ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी की बेटी से हुई थी, जो ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के विदेशी ऑपरेशन आर्म का कमांडर था. जनरल कासिम सुलेमानी भी 2020 में इराक में अमेरिकी हमले में मारा गया था.
इजराइली हमले में ढेर सफीद्दीन को सैय्यद की उपाधि मिली थी. वो अक्सर काली पगड़ी में रहता था. दावा किया जाता है कि सफीद्दीन की काली पगड़ी उसे नसरल्लाह की तरह पैगंबर मोहम्मद के वंशज के रूप में दर्शाती है. सफीद्दीन ने नसरल्लाह के विपरीत हाल के कुछ सालों में खुले तौर पर राजनीतिक और धार्मिक आयोजनों में भाग लिया था.
नसरल्लाह के मारे जाने के बाद सफीद्दीन को उसका उत्तराधिकारी माना जा रहा था. जब सफीद्दीन के नाम की घोषणा की गई थी, तब नईम कासिम भी इस रेस में दूसरे नंबर पर था. अब कहा जा रहा है कि सफीद्दीन के मारे जाने क बाद नईम कासिम हिजबुल्लाह का अगला चीफ हो सकता है.
71 साल का नईम कासिम फिलहाल हिजबुल्लाह का उप महासचिव है. कासिम को हिजबुल्लाह में नंबर दो की पोजिशन का नेता माना जाता है. दक्षिणी लेबनान के गाव नबातियेह गवर्नरेट के कफार किला में जन्में कासिम का शिया राजनीतिक सक्रियता में लंबा इतिहास रहा है.
कासिम ने वर्षों से हिज़्बुल्लाह में महत्वपूर्ण सार्वजनिक भूमिका निभाई है और वो शूरा परिषद के सदस्य भी है. कासिम ने 2005 में 'हिजबुल्लाह, द स्टोरी फ्रॉम विदिन' नाम की किताब लिखी थी, जो बाद में कई भाषाओं में ट्रांसलेट कर पब्लिश की गई थी.