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कौन था आतंकी अब्दुल रहमान मक्की, जिसने भारत को दिए 26/11 के गहरे जख्म, जानें गुनाहों का काला चिट्ठा

अब्दुल रहमान मक्की का नाम 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के प्रमुख साजिशकर्ताओं में लिया जाता है. इस हमले में 166 निर्दोष लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हुए थे. मक्की लश्कर-ए-तैयबा (LeT) संगठन का एक शीर्ष सदस्य था, जिसने इस हमले के लिए धन जुटाने और योजना बनाने में अहम भूमिका निभाई थी.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
File photo of Abdul Rehman Makki

मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के उप प्रमुख अब्दुल रहमान मक्की की पाकिस्तान में मौत हो गई. वह शुक्रवार, 27 दिसंबर 2024 को दिल का दौरा पड़ने के बाद लाहौर में अपने निजी अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गए. मक्की की मौत पाकिस्तान के आतंकवाद से जुड़े इतिहास में एक अहम मोड़ के रूप में देखी जा रही है.

मक्की की बीमारी और इलाज

मक्की पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और उच्च शुगर स्तर के इलाज के लिए लाहौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे. सूत्रों के अनुसार, उनकी स्वास्थ्य स्थिति में लगातार गिरावट आ रही थी और अंततः दिल का दौरा पड़ा, जिससे उनकी मृत्यु हो गई. मक्की का निधन पाकिस्तान में आतंकवाद से जुड़े मामलों की सुनवाई और कार्यवाही पर एक नया सवाल खड़ा करता है, खासकर उनकी संलिप्तता के कारण जो कई आतंकवादी घटनाओं में रही.

मुंबई हमले में मक्की की भूमिका
अब्दुल रहमान मक्की का नाम 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के प्रमुख साजिशकर्ताओं में लिया जाता है. इस हमले में 166 निर्दोष लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हुए थे. मक्की लश्कर-ए-तैयबा (LeT) संगठन का एक शीर्ष सदस्य था, जिसने इस हमले के लिए धन जुटाने और योजना बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. इसके अतिरिक्त, मक्की भारत के अन्य प्रमुख आतंकवादी हमलों में भी शामिल रहा, जैसे कि 2000 में लाल किले पर हुआ हमला और 2018 में कश्मीरी पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या.

मक्की पर पाकिस्तान में कानूनी कार्रवाई
मक्की को 2019 में पाकिस्तान सरकार ने गिरफ्तार किया था और लाहौर में घर में नजरबंद कर दिया था. इसके बाद, 2020 में एक पाकिस्तानी अदालत ने मक्की को आतंकवादी वित्तपोषण से जुड़े मामलों में दोषी ठहराया और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई. इसके बावजूद, पाकिस्तान की सरकार ने उसे पूरी तरह से न्याय के दायरे में नहीं लाया और मक्की हमेशा से पाकिस्तान में एक प्रभावशाली आतंकवादी तत्व के रूप में माना जाता रहा.

संयुक्त राष्ट्र मक्की को घोषित किया था वैश्विक आतंकी
2023 में, मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा "वैश्विक आतंकवादी" घोषित किया गया. UNSC ने यह फैसला उसके आतंकवादी गतिविधियों और वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में उसकी भूमिका को देखते हुए लिया. इस घोषणा के साथ ही मक्की के खिलाफ यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति की जब्ती और हथियारों की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाए गए थे.

मक्की के खिलाफ भारत की कानूनी कार्रवाई
भारत ने मक्की के खिलाफ कई मामले दर्ज किए थे और उसे गिरफ्तार करने की कोशिशें जारी रखी थीं. 2000 में लाल किले पर हुए हमले में छह आतंकवादियों के साथ मक्की का भी हाथ था और भारत की सुरक्षा एजेंसियां उसे एक प्रमुख आतंकवादी मानती थीं. इसके अलावा, मक्की को 2018 में कश्मीर के प्रमुख पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या में भी शामिल होने के कारण भारतीय एजेंसियों ने उसे वांछित आतंकवादी घोषित किया था.