Umer Khan: उमर खान. ये नाम पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है. लेकिन इसके चर्चे अमेरिका से लेकर लंदन तक हो रहे हैं. कारण हैं चूना लगाना है. इन्होंने अमेरिका के नामी ब्रोकर्स को चूना लगाने का काम किया. अपनी गलती को इन्होंने कबूल भी कर लिया है.
आइए इस नाम की पूरा कहानी के बारे में जानते हैं कि कैसे उमर खान ने इन्वेस्टर्स को चूना लगाया. कितने का चूना लगाया और मूल रूप से कहां का रहने वाला है.
उमर खान पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी व्यापारी और पूर्व राजदूत साकिब खान के बेटे हैं. इन पर आरोप है कि बढ़े-बढ़े भोज के आयोजनों में निवेश के नाम पर बड़े-बड़े निवेशकों को 80 लाख डॉलर का चूना लगाया है.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार उमर खान का जन्म मिस्र में हुआ था. उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की है. उनके पिता पाकिस्तानी विदेशी सेवा में थे. अपनी सर्विस के दौरान उनके पिता सऊदी अरब, कुवैत और अमेरिका जैसे देशों में पाकिस्तान के राजदूत थे.
उमर के पिता साकिब खान रिटायरमेंट के बाद अमेरिका में शिफ्ट हो गए थे. 2012 में उनकी मृत्यु हो गई थी. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार उमर को न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग की अच्छी खासी जानकारी है.
पूरी काहनी 2015 से शुरू होती है. अपनी पार्टी में उमर बड़े-बड़े लोगों को इनवाइट करता और उनसे इस तरह के आयोजनों में निवेश करने को कहता.
उनकी इस पार्टी में क्रोएशिया में जन्में अमेरिका में रह रहे गणित के शिक्षक क्रेसिमिर पेनाविक जो एक प्राइवेट रिसर्च कंपनी में काम करते हैं वो शामिल हुए. उमर खान ने पहली बार पार्टी में शामिल होने पर उनका जोरदार स्वागत किया था. अच्छी पार्टी पाकर क्रेसिमिर पेनाविक बहुत खुश हुए थे.
इसके बाद उमर खान ने उनसे कहा कि आप इस तरह की पार्टी के आयोजन में निवेश करके मोटा पैसा कमा सकते हैं. लालच में आकर क्रेसिमिर पेनाविक ने कई पार्टियों के आयोजन के लिए निवेश किया. लेकिन ऐसी पार्टियां कभी हुई ही नहीं. एक दो पार्टी हुई. उसमें जो फायदा हुआ उसका पैसा भी उमर खान ने पेनाविक को नहीं दिया.
उमर खान अमीर लोगों के लिए एक अलग तरह की पार्टी आयोजित कर उसमें बड़े-बड़े लोगों को शामिल करके एक अलग क्लास बनाने चाहते थे.
इसी तरह उमर खान ने कई ब्रोकरों को अपनी जाल में फंसा रखा था. निवेश के नाम पर उनसे पैसा लेता लेकिन न तो वो पैसे लोटाता और न ही मुनाफा देता. इस तरह उसने सानफोर्ड सी ब्रिंस्टेन के CEO रॉबर्ट वान ब्रुग, केटो इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर Robert Gelfand, स्पर्स कैपिटल के CEO पीटर स्लागोविट्ज और मॉर्गन स्टेनले के वाइस प्रेसिडेंट Lorin Schaeffer को चूना लगाया. उमर खान ने इन सभी को कुल 80 लाख डॉलर की चपत लगाई थी.
जब धोखाधड़ी का मुकदमा हुआ तो उमर खान श्रीलंका भाग गया. वहां से मुकदमा करने वाले लोग उनके प्रत्यर्पण की मांग कर रहे थे. जब श्रीलंका में उनके वीजा की अवधि पूरी हो गई तो उन्हें उसने निकाल दिया. जब वो लौटकर अमेरिका पहुंचे तो एयरपोर्ट से ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.