पहले बातों में फंसाता फिर मौका देख कर देता था शरीर के टुकड़े, कौन है 42 महिलाओं का हत्यारा जो जेल से भागा
Serial Killer of 42 Women: केन्या में एक ऐसा घटनाक्रम हुआ जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. एक सीरियल किलर ने महिलाओं को निशाना बनाया, उनके साथ अमानवीय क्रूरता की. स्थानीय मीडिया ने उसे "पिशाच" उर्फ 'वैम्पायर' का नाम दिया, हालांकि अब वो वैम्पायर जेल से भाग गया है. आखिर कौन है वो 42 महिलाओं का हत्यारा जिसके भागने से मचा है हड़कंप.
Serial Killer of 42 Women: केन्या से एक ऐसा खौफनाक मामला सामने आया है जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है. कोलिन्स जुमैसी खलुशा नाम का यह शख्स, जिसे 'वैम्पायर' भी कहा जाता है, 42 महिलाओं की हत्या करने के जुर्म में पुलिस की गिरफ्त में था. लेकिन हैरानी की बात यह है कि वह पुलिस की पकड़ से फरार हो गया.
बॉडी के करता था छोटे-छोटे टुकड़े
खलुशा ने न केवल इन महिलाओं की हत्या की बल्कि उनके शवों को भी काट-काटकर प्लास्टिक के बैगों में भरकर फेंक दिया. पुलिस के मुताबिक, उसने अपनी पत्नी की भी हत्या की थी. खलुशा ने स्वीकार किया था कि वह महिलाओं को लुभाकर उन्हें अपने जाल में फंसाता था और फिर उनकी हत्या कर देता था.
कैसे करता था शिकार?
खलुशा की हत्या करने की विधि बेहद क्रूर थी. वह महिलाओं को धारदार हथियारों से मारता था और फिर उनके शवों को काट-काटकर छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट देता था. इसके बाद वह इन टुकड़ों को प्लास्टिक के बैगों में भरकर नैरोबी के क्वारे इलाके में एक कूड़े के ढेर में फेंक देता था.
क्यों करता था ऐसा?
यह सवाल अभी भी एक रहस्य बना हुआ है कि खलुशा आखिर क्यों महिलाओं की हत्या करता था. मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि उसके मन में महिलाओं के प्रति गहरी नफरत थी. हो सकता है कि वह किसी मानसिक बीमारी से ग्रस्त हो.
पुलिस की जांच
पुलिस ने खलुशा के घर से कई संदिग्ध चीजें बरामद की हैं, जिनमें मोबाइल फोन, आई कार्ड, एक तेज छुरी, रबर के दस्ताने, सेलोटेप और नायलॉन की बोरियां शामिल हैं. पुलिस का मानना है कि खलुशा ने इन चीजों का इस्तेमाल महिलाओं की हत्या करने में किया होगा.
समाज पर प्रभाव
खलुशा की घटना ने पूरे समाज को हिलाकर रख दिया है. लोग इस बात से डरे हुए हैं कि कहीं ऐसा कोई और भी तो नहीं है जो इस तरह की वारदात को अंजाम दे सकता हो. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें.
खलुशा की कहानी हमें यह बताती है कि मानव मन कितना क्रूर हो सकता है. हमें ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है जो समाज के लिए खतरा बन सकते हैं.