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हार्ट सर्जन से सत्ता तक का सफर, कौन हैं ईरान के भावी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान?

Masoud Pezeshkian: ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में डॉ. मसूद पेजेश्कियान विजेता बनकर उभरे हैं. पेशे से डॉक्टर और सर्जन रहे मसूद को सुधारवादी नेताओं में गिना जाता है. वह लंबे समय से ईरान के क्रूर कानूनों और मोरल पुलिसिंग का विरोध करते रहे हैं. उनके कई ऐसे वादे रहे हैं जो ईरान के रूढ़िवादी नेताओं और वहां की कट्टर नीतियों के खिलाफ जाते हैं. ऐसे में उनकी जीत के बाद सुधारवादी समर्थकों ने अभी से जश्न मनाना शुरू कर दिया है. दुनिया भी उनकी जीत को एक नए नजरिए से देख रही है.

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Edited By: India Daily Live
Masoud Pezeshkian
Courtesy: Social Media

ईरान के राष्ट्रपति रहे इब्राहिम रईसी एक हेलिकॉप्टर क्रैश में मारे गए थे. उनके निधन के बाद ईरान में फिर से राष्ट्रपति चुनाव कराए गए हैं. इन चुनाव में सुधारवादी नेता और पेशे से सर्जन रहे मसूद पेजेश्कियान (Masoud Pezeshkian) विजयी बनकर उभरे हैं. चुनाव नतीजों के औपचारिक ऐलान से पहले ही उनके समर्थक तेहरान समेत कई शहरों की सड़कों पर उतर आए हैं और जश्न मनाना शुरू कर दिया है. मसूद ने अपने प्रतिद्वंद्वी सईद जलीली को हरा दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. मसूद को 53.3 पर्सेंट वोट मिले हैं. वहीं, जलीली को 44.3 पर्सेंट वोट ही मिले और वह दूसरे नंबर पर रहे.

इससे पहले, 28 जून को हुई पहले राउंड के चुनाव में किसी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था. पहले राउंड के चुनाव में सिर्फ 40 पर्सेंट वोटिंग हुई थी जो कि अब के इतिहास में सबसे कम है. बताते चलें कि डॉ. मसूद ईरान की मोरल पुलिसिंग के विरोधी रहे हैं. वह उस वक्त चर्चाओं में आए थे जब उन्होंने 'एकता' लाने का वादा किया था और दुनिया के ईरान के कटे होने के इतिहास को बदलने की भी बात कही थी. यही वजह है कि ईरान के रूढ़िवादी नेताओं की तुलना में उन्हें सुधारवादी माना जाता है.

क्या है मसूद की सोच?

मसूद पेजेश्कियान को सुधारवादी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने कई ऐसे कदमों की वकालत की है जिन्हें ईरान में स्वीकार नहीं किया जाता है. वह पश्चिमी देशों से सकारात्मक समझौते की वकालत कर चुके हैं. यही वह है कि लोगों के जलीली के खिलाफ उन्हें तरजीह दी. लोगों को डर था कि अगर जलीली चुनाव जीत गए तो ईरान का दूसरे देशों से टकराव और बढ़ जाएगा. लोगों को आशंका थी कि अपनी कट्टरता के चलते जलीली ईरान पर और प्रतिबंध लगवा देंगे और ईरान हाशिए पर चला जाएगा.

कौन हैं मसूद पेजेश्कियान?

साल 1954 में 29 सितंबर को पैदा हुआ हुए मसदू के पिता अजेरी और मां कुर्दिश थीं. वह खुद भी अजेरी भाषा बोलते हैं. वह भी ईरान और ईराक के युद्ध में काम कर चुके हैं. इसके बाद वह तबरीज यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज में हार्ट सर्जन बन गए. 1994 में हुए एक कार एक्सीडेंट में उनकी पत्नी और बेटी की मौत हो गई थी. मसूद ने इसके बाद दोबारा शादी नहीं की और अपने दो बेटों और एक बेटी को अकेले ही पाला.

राजनीति में उनकी शुरुआत देश के डिप्टी हेल्थ मिनिस्टर के रूप  में हुई. आगे चलकर वह मोहम्मद खटामी की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी बने. एक फ्रीलांस फोटोग्राफर जहरा कजेमी के पोस्टमॉर्टम में शामिल होने की वजह से वह सुधारवादियों और कट्टरवादियों के विवाद की वजह भी बने. बता दें कि जहरा कजेमी को उस वक्त गिरफ्तार किया गया था जब वह तेहरान की एक जेल में फोटो खींच रही थीं. उन्हें पुलिस ने इतना टॉर्चर किया कि उनकी मौत हो गई थी.