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India Daily

कौन हैं मैरीएन एडगर बड? ट्रंप से किए प्रवासियों और LGBTQ+ समुदायों पर दया बरतने की अपील

बड ने अपने भाषण में ट्रंप के प्रशासन की नीतियों की आलोचना की और कहा कि बहुत से LGBTQ+ समुदाय के बच्चे, चाहे वे किसी भी पार्टी से हों, अपने जीवन के लिए डर रहे हैं.

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Edited By: Kamal Kumar Mishra
Mariann Edgar Budde
Courtesy: x

US News: मैरीएन एडगर बड (Mariann Edgar Budde) वाशिंगटन के एपिस्कोपल डायोसीज की पहली महिला बिशप हैं. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से उनकी प्रशासन की आव्रजन और LGBTQ+ नीतियों के खिलाफ दया दिखाने की अपील की थी. यह घटना वाशिंगटन नेशनल कैथेड्रल में एक उद्घाटन प्रार्थना सेवा के दौरान हुई थी, जब ट्रंप पहली बार राष्ट्रपति बने थे. बड ने ट्रंप से सीधे कहा, "हमारे भगवान के नाम पर मैं आपसे कहती हूं कि कृपया उन लोगों पर दया दिखाएं जो अब डर में हैं."

बड ने अपने भाषण में ट्रंप के प्रशासन की नीतियों की आलोचना की और कहा कि बहुत से LGBTQ+ समुदाय के बच्चे, चाहे वे किसी भी पार्टी से हों, अपने जीवन के लिए डर रहे हैं. उन्होंने कहा, "ये बच्चे और उनके परिवार डर में हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका जीवन खतरे में है." इसके साथ ही, बड ने ट्रंप की आव्रजन नीतियों पर भी कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, "अधिकांश आप्रवासी अपराधी नहीं हैं, वे टैक्स देते हैं और अच्छे पड़ोसी होते हैं. वे हमारे चर्चों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और मंदिरों के विश्वासपूर्ण सदस्य हैं."

बड ने बाइबिल की शिक्षा का दिया था हवाला

बड ने बाइबिल की शिक्षा का हवाला देते हुए कहा, "हमारे भगवान ने हमें सिखाया है कि हमें परायों के प्रति दया दिखानी चाहिए, क्योंकि हम कभी इस भूमि पर पराए थे." यह संदेश बाइबिल की शिक्षा पर आधारित था, जो दया और करुणा की अहमियत पर जोर देता है.

हालांकि, बड का यह संदेश ट्रंप के लिए असहज था. ट्रंप ने सेवा के बाद इसे "बहुत रोमांचक नहीं" और "बेहतर किया जा सकता था" बताया. इसके अलावा, ट्रंप के समर्थकों ने बड की आलोचना की, जिसमें जॉर्जिया के कांग्रेस सदस्य माइक कॉलिन्स भी शामिल थे, जिन्होंने कहा कि बड को "देश निकाले की सूची में शामिल किया जाना चाहिए."

बड पहले भी ट्रंप का कर चुके हैं विरोध

मैरीयन बड का यह पहला विरोध नहीं था. साल 2020 में उन्होंने ट्रंप द्वारा सेंट जॉन के एपिस्कोपल चर्च के बाहर बाइबिल पकड़े हुए विवादास्पद फोटो-ऑप पर भी कड़ी आपत्ति जताई थी. बड 2011 से वाशिंगटन के एपिस्कोपल डायोसीज की बिशप हैं और इससे पहले वह मिनियापोलिस में सेंट जॉन के एपिस्कोपल चर्च की रेक्टर रही हैं. उनके इस संघर्ष ने एक बार फिर राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों के खिलाफ उनकी मजबूत आवाज को उजागर किया है.