अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर लगाए गए 26% के अतिरिक्त टैरिफ को 9 जुलाई 2025 तक के लिए स्थगित कर दिया है. यह फैसला उस आदेश का हिस्सा है जिसमें अमेरिका ने चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों पर लगने वाले आपसी (रेसिप्रोकल) टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल दिया है.
'लिबरेशन डे' टैरिफ के तहत लगा था अतिरिक्त टैरिफ
यह अतिरिक्त टैरिफ 2 अप्रैल को घोषित "लिबरेशन डे टैरिफ्स" का हिस्सा था, जिसका मकसद अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करना और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना था. इस स्थगन के चलते भारत को अब 9 जुलाई तक टैरिफ से राहत मिलेगी.
चीन पर सख्ती बरकरार, भारत को मिली छूट
इस आदेश का लाभ सिर्फ चीन को नहीं मिलेगा. चीन, हांगकांग और मकाऊ को इस राहत से बाहर रखा गया है. अब चीन को अमेरिकी टैरिफ में 125% तक की भारी बढ़ोतरी का सामना करना पड़ेगा, जबकि बाकी देशों पर 10% का बेसलाइन टैरिफ बना रहेगा.
भारतीय निर्यातकों को राहत की सांस
भारतीय निर्यातकों ने इस निर्णय का स्वागत किया है. उनके मुताबिक, यह कदम दोनों देशों के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत को आगे बढ़ाने का एक अहम मौका है. निर्यातकों का मानना है कि यह 90 दिन की राहत भारत के लिए बहुत अहम है.
व्यापार समझौते पर तेजी से काम कर रही है भारत सरकार
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने निर्यातकों को भरोसा दिलाया है कि भारत सरकार इस व्यापार समझौते पर सोच-समझकर और तेज़ी से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि देश अपने हितों को ध्यान में रखते हुए सही संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है.
वर्ष 2023-24 में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार रहा. दोनों देशों के बीच 119.71 अरब डॉलर का व्यापार हुआ, जिसमें भारत ने 77.51 अरब डॉलर का निर्यात और 42.19 अरब डॉलर का आयात किया. इसके मुकाबले चीन के साथ व्यापार घाटा काफी ज्यादा रहा.