भारतीय मसाल कंपनी एमडीएच के साख को बड़ा धक्का लगा है. मसाले में यूज होने वाला प्रोडक्ट जांच के दायरे में आ गए हैं. कुछ दिन पहले ये खुलासा हुआ था कि कंपनी अपने कुछ मसालों में कैंसर पैदा करने वाले एथिलीन ऑक्साइड का उपयोग नहीं करता है. अमेरिकी नियामक डेटा के अनुसार, बैक्टीरिया की उपस्थिति के कारण औसतन 14.5 प्रतिशत अमेरिकी शिपमेंट खारिज कर दिए गए है.
पिछले महीने, हांगकांग और सिंगापुर ने एमडीएच और एक अन्य लोकप्रिय भारतीय मसाला ब्रांड एवरेस्ट के कुछ मसाला उत्पादों पर बैन लगा दिया. उन्होंने कहा था कि उनमें कैंसर पैदा करने वाले कीटनाशकों की उच्च मात्रा पाई गई थी. एथिलीन ऑक्साइड एक रसायन है जिसके इस्तेमाल से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. एमडीएच और एवरेस्ट दोनों ने कहा है कि उनके प्रोडक्ट सुरक्षित हैं। एमडीएच ने स्पष्ट किया कि वह मसालों के भंडारण, प्रसंस्करण या पैकिंग के दौरान एथिलीन ऑक्साइड का उपयोग नहीं करता है.
रॉयटर्स द्वारा यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, एमडीएच उत्पादों को साल्मोनेला, एक बैक्टीरिया जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी का कारण बन सकता है, की उपस्थिति के कारण अमेरिका में बिक्री के लिए अस्वीकार कर दिया गया. एफडीए के आंकड़ों में कहा गया है कि इस साल अक्टूबर 2023 से 3 मई के बीच गुणवत्ता जांच में विफल रहने के बाद अमेरिका में एमडीएच के 20 फीसदी शिपमेंट को कैंसल कर दिया.
आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में 119 एमडीएच शिपमेंट में से लगभग 15 प्रतिशत को ज्यादातर साल्मोनेला की उपस्थिति के कारण खारिज कर दिया गया था, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में अस्वीकृति प्रतिशत 8.19 प्रतिशत था. दूसरी ओर, एवरेस्ट को अमेरिका में कम बैन झेलना पड़ रहा है.
पिछले महीने, हांगकांग के खाद्य सुरक्षा प्रहरी ने एमडीएच और एक अन्य लोकप्रिय भारतीय मसाला ब्रांड एवरेस्ट के चार मसाला उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया था. क्योंकि उन्होंने कहा था कि इनमें कैंसर पैदा करने वाले कीटनाशकों का उच्च स्तर पाया गया था. हालांकि, एमडीएच और एवरेस्ट दोनों ने कहा है कि उनके उत्पाद सुरक्षित हैं.