NASA Human Mars Mission: नासा अब मंगल पर जीवन बसाने की तैयारी कर रहा है. नासा के वैज्ञानिक 4 लोगों को मंगल पर भेजेंगे और वहां के अनसुलझे राज सुलझाएंगे. लाल ग्रह पर जीवन की संभावना तलाश रहे नासा के इस प्लान पर दुनियाभर की नजरें टिकी हैं. मंगल के कई रहस्य ऐसे हैं, जिनके बारे में सिर्फ अटकलें ही लगाई जाती हैं. दुनियाभर के लोग मासा को अब एक्सप्लोर करना चाहते हैं.
नासा केवल उन्हीं लोगों को चुन रहा है, जो पहले से अंतरिक्ष विज्ञान के अनसुलझे रहस्यों को सुलझाने के लिए काम कर रहे हों. यह पहली बार होगा जब चांद पर इंसान कदम रखेगा. अमेरिका और भारत जैसे देश अब तक सिर्फ मंगल पर रोवर भेज रहे थे, पहली बार कोई देश, वहां कदम रखेगा.
कौन हैं वे 4 लोग, जो जाएंगे मंगल
- जसोन ली, थर्मल फ्लूइड्स के प्रोफेसर हैं. वे मैन्युफैक्चरिंग और हीट ट्रांसफर के एक्सपर्ट हैं.
- शरीफ अल रोमिथि, अबु धाबी के हैं और पॉयलट हैं. एविएशन में उनके पास शानदार अनुभव है. अपने क्षेत्र में सबसे कम उम्र में उन्होंने पीएचडी की है.
- स्टेफिन नावारो , स्पेस ऑपरेशन्स के एख्सपर्ट हैं. वे इंजीनियर हैं और सेटेलाइट कम्युनिकेशन प्रोग्राम को लीड करते हैं.
- पियूमी विजेस्कारा, नासा में वैज्ञानिक हैं, वे बायोइंजीनियरिंग और स्वसन साइकोलॉजी में एक्सपर्ट हैं. इंसान के स्वास्थ्य पर मंगल ग्रह का असर क्या होगा, इसके बारे में स्टडी कर रहे हैं.
क्या वहीं रह जाएंगे ये लोग?
अभी तक आधिकारिक तौर पर नासा ने इस पर कुछ नहीं कहा है.
क्या मंगल है रहने लायक?
नासा की एक टीम इसके बारे में स्टडी कर रही है. जॉनसन स्पेस सेंटर, ह्युस्टन में मंगल ग्रह की परिस्थितियों को समजने के लिए क्रू 3ड्री हैबिटेट के जरिए स्थितियों को समझ रहा है. मंगल ग्रह की कठिन परिस्थितियों के मद्देनजर तैयारी की जा रही है. इस सेंटर में किचन, मेडिकल एरिया, फिटनेस जोन और फसल उत्पादन के अनुकूल परिस्थितियां बनाई जा रही हैं.
मंगल जाने से पहले की तैयारियां क्या हैं?
- 45 दिनों से इस मिशन पर क्रू मेंबर्स वर्चुअल रिएलिटी तकनीक से स्पेस वॉक करेंगे.
- बोटिक ऑपेशन, ड्रोन कंट्रोलिंग और रोवर एक्स्टेंशन को परखा जाएगा.
- व्यक्तिगत साफ सफाई, कसरत, फसल उत्पादन और पारिस्थितिकि तंत्र को समझने की कोशिश होगी.
- मंगल की कमियां, वहां की परिस्थियों को समझने की कोशिश, अगर यंत्रों में खामियां आ जाएं तो क्या होगा, इस पर मंथन.