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क्या है मार्शल लॉ जो साउथ कोरिया में लगा, जानें किन चीजों पर रहेगी पाबंदी?

What is banned in South Korea after Martial Law: साउथ कोरिया में मार्शल ला लगने के बाद कई चीजों पर पाबंदी लग गई है. आइए जानते हैं कि आखिर मार्शल लॉ लगने के बाद किन चीजों पर बैन रहेगा किन पर नहीं?

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Edited By: Gyanendra Tiwari
What is banned in South Korea after Martial Law
Courtesy: Social Media

What is banned in South Korea after Martial Law: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने मंगलवार को एक आपातकालीन राष्ट्रीय संबोधन में मार्शल लॉ की घोषणा की. यह घोषणा बिना किसी पूर्व सूचना के की गई, जिसे देशभर में लाइव प्रसारित किया गया. राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में "उत्तर कोरिया समर्थक और राष्ट्र-विरोधी ताकतों" को खत्म करने की बात कही. हालांकि, उन्होंने उत्तर कोरिया से किसी सीधी धमकी का जिक्र नहीं किया, बल्कि अपने राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधा.

इस फैसले ने दक्षिण कोरिया को चौंका दिया है, जिसने अपने इतिहास में कई बार तानाशाही सरकारों का सामना किया है. 1980 के दशक से देश में लोकतांत्रिक सरकारों का शासन रहा है.

क्या है मार्शल लॉ?

मार्शल लॉ एक अस्थायी आपातकालीन स्थिति है, जिसे किसी देश में गंभीर संकट या सुरक्षा खतरे के समय लागू किया जाता है. इसके तहत देश की सैन्य शक्ति को अस्थायी रूप से नागरिक प्रशासन के ऊपर रखा जाता है. इसका उद्देश्य कानून-व्यवस्था को बनाए रखना और किसी भी संकट से निपटना होता है.

मार्शल लॉ के तहत निम्नलिखित चीजें लागू होती हैं:

  • नागरिक अधिकारों पर प्रतिबंध.
  • कर्फ्यू लगाना.
  • सैन्य बलों का कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सीधा हस्तक्षेप.
  • सार्वजनिक गतिविधियों और मीडिया पर नियंत्रण.
  • साउथ कोरिया में मार्शल लॉ पहले भी राजनीतिक अशांति के समय लागू किया जा चुका है, जैसे कि 1980 के ग्वांगजू विद्रोह के दौरान. यह एक ऐसा उपाय है, जिसे सरकार अंतिम विकल्प के रूप में इस्तेमाल करती है.

किन चीजों पर रहेगी पाबंदी?

मार्शल लॉ लागू होने के बाद साउथ कोरिया में कई प्रकार की पाबंदियां लगाई गई हैं. इनमें शामिल हैं:

सांसदों का संसद में प्रवेश प्रतिबंधित: सांसदों को संसद भवन में प्रवेश करने से रोक दिया गया है.

राजनीतिक गतिविधियों पर रोक: सैन्य बलों ने सभी राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगा दी है.

प्रदर्शन और जनसभा प्रतिबंधित: राजनीतिक उद्देश्य से होने वाले किसी भी प्रकार के प्रदर्शन और सार्वजनिक सभा पर पाबंदी लगा दी गई है.

मीडिया पर सैन्य नियंत्रण: देश के सभी मीडिया और प्रकाशन संस्थानों को अब सैन्य नियंत्रण के तहत रखा गया है.

हड़तालों पर रोक: आज से हड़ताल और कार्यस्थल पर वाकआउट भी प्रतिबंधित कर दिए गए हैं.

यात्रा प्रतिबंध: संवेदनशील क्षेत्रों में यात्रा पर भी रोक लगाई जा सकती है. इसके लिए जगह-जगह सैन्य चौकियां स्थापित की जा रही हैं.

क्यों लिया गया यह फैसला?

साउथ कोरिया के राष्ट्रपति ने इस कदम को राष्ट्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए उठाया बताया है. हालांकि, इसे लेकर देश में व्यापक चर्चा और चिंता का माहौल है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ जा सकता है.

साउथ कोरिया के इतिहास में यह एक अभूतपूर्व कदम है, जो देश के राजनीतिक और सामाजिक भविष्य को गहराई से प्रभावित कर सकता है.